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गजब! तब तो मात्र दो दिन में हो जाएगा कोरोना वायरस का खात्मा

कोरोना के इलाज को लेकर एक नया दावा किया जा रहा है कि एंटी पैरासाइट यानि कीड़े मारने की दवा से कोरोना को दो दिन में ठीक किया जा सकता है।

Shreya
Published on: 28 April 2020 6:21 AM GMT
गजब! तब तो मात्र दो दिन में हो जाएगा कोरोना वायरस का खात्मा
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नई दिल्ली: पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही है। वहीं इस बीमारी से निपटने के लिए तमाम देशों के वैज्ञानिक शोध में लगे हुए हैं। अब कोरोना के इलाज को लेकर एक नया दावा किया जा रहा है कि एंटी पैरासाइट यानि कीड़े मारने की दवा से कोरोना को दो दिन में ठीक किया जा सकता है। अमेरिका के नॉर्थशोर यूनिवर्सिटी हेल्थ सिस्टम के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरव शाह का कहना है कि एंटी पैरासाइट दवा इन्वर्टीमाइसिन से वायरस दो दिन में खत्म हो सकता है।

कोरोना के इलाज के लिए ये दावा सुरक्षित

डॉ. नीरव शाह के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए ये दावा सुरक्षित है और दुनियाभर में ये आसानी से मिल सकती है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित मोनाश बायोमेडिसिन डिस्कवरी इंस्टीट्यूट के डॉ. काइली वॉगस्टाफ का भी मानना है कि उन्होंने रिसर्च में पाया है कि इस दवा की एक खुराक से वायरस का RNA 48 घंटे या 24 घंटे के अंदर खत्म हो सकता है।

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मरीजों पर दिख रहा दवा का अच्छा परिणाम

फ्लोरिडा के ब्रोवॉर्ड हेल्थ मेडिकल सेंटर के डॉ. जैक्स रैज्टर के मुताबिक, वे पहले से ही कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस दवा का भी असर दिख रहा है। इसी के साथ उटाह यूनिवर्सिटी के डॉ. अमित पटेल ने रिसर्च मे कहा कि वेंटिलेटर पर रखे गए गंभीर मरीजों, जिनके फेफड़े में नुकसान है, में भी एंटी पैरासाइट दवा इन्वर्टीमाइसिन का अच्छा परिणाम देखने को मिला है।

जितनी जल्दी मरीज आएगा, उतना फायदा होगा

डॉ. जैक्स रैज्टर का कहना है कि मरीज जितनी जल्दी इलाज के लिए आ जाएगा, उतनी ही जल्दी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि अगर मरीज को ऑक्सीजन की जरुरत 50 फीसदी से कम है तो उसे 100 फीसदी फायदा होने की संभावना है। डॉ. जैक्स के मुताबिक, ये दवा मरीजों पर असर नहीं करती, जिनकी स्थिति बाकी मरीजों के मुकाबले गंभीर होती है।

पहली बार 1970-80 में बनी थी इन्वर्टीमाइसिन

ये दवा पहली बार 1970-80 में बनी थी। जिसका इस्तेमाल पशुओं में मिलने वाले कीड़ों को मारने के लिए किया जाता था। इसके बाद धीरे-धीरे इस दवा का इस्तेमाल इंसानों के बालों में पड़ने वाले जुओं को मारने में किया जाने लगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आवश्यक दवा की लिस्ट में इस दवा को भी शामिल किया है।

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वायरस पर कैसे असर करेगी ये दवा?

लेकिन कोरोना एक वायरस है, पैरासाइट नहीं, ऐसे में यह दवा वायरस को कैसे खत्म करेगी? इस सवाल के जवाब में वैज्ञानिकों का कहना है कि इन्वर्टीमाइसिन वायरल RNA यानि राइबो-न्यूक्लिक एसिड को ब्लॉक करने का काम करती है। जिसके चलते स्वस्थ कोशिकाएं पर संक्रमण का असर होने से रोका जा सकता है। साथ ही व्यक्ति का इम्यूनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। जिससे वह लंबे समय तक वायरस से लड़ सकता है।

अभी और अधिक स्टडी की जरुरत

वहीं अमेरिका की संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) का कहना है कि पशुओं के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा इंसानों पर असर करे यह जरुरी नहीं है। इसके इस्तेमाल से पहले और अधिक स्टडी की जरूरत है। कोरोना वायरस के इलाज में इन्वर्टीमाइसिन दवा कितनी अधिक प्रभावी है, ये अध्ययन के बाद ही पता चल सकेगा।

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