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अनुप्रिया पटेल फिर बनी अपना दल एस की अध्यक्ष
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए दल के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों की उपस्थिति में उन्हे यह जिम्मेदारी सर्वसम्मति से सौंप दी गयी। अधिवेशन में पूर्व अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल ने अनुप्रिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी पदाधिकारियों ने अपनी सहमति जताई।
लखनऊ: केन्द्र में मोदी सरकार और प्रदेश में योगी सरकार को समर्थन देने वाली अपना दल एस की सांसद अनुप्रिया पटेल को आज एक बार फिर दल का अध्यक्ष चुना गया। अब तक यह काम उनके पति और यूपी विधानपरिषद सदस्य आशीष पटेल निभा रहे थें।
इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए दल के राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान पार्टी पदाधिकारियों और विधायकों की उपस्थिति में उन्हे यह जिम्मेदारी सर्वसम्मति से सौंप दी गयी। अधिवेशन में पूर्व अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल ने अनुप्रिया को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी पदाधिकारियों ने अपनी सहमति जताई।
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इस मौके राजेश पटेल को राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी संस्थापक डॉ.सोनेलाल पटेल के निकट सहयोगी रहे पूर्व पुलिस अधिकारी ओपी कटियार को कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
इस मौके पर अनुप्रिया पटेल ने कहा कि जिन कार्यकर्ताओं के त्याग व परिश्रम से यह पार्टी खड़ी हुई है, उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने कोशिश करेंगी। पार्टी संस्थापक डा सोनेलाल पटेल को याद करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उन्होंने जस आर्थिक व सामाजिक गैर बराबरी की खाई को पाटने के लिए इस पार्टी की स्थापना की थी, उसे सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मदद से आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।
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इस मौके पर एमएलसी पटेल, कारागार राज्य मंत्री जयकुमार सिंह जैकी, विधानमंडल दल के नेता नील रतन पटेल के अलावा विधायकों में डॉ.लीना तिवारी, राहुल प्रकाश कोल, जमुना प्रसाद सरोज व हरिराम चेरो के अलावा अमर सिंह, राजेंद्र पाल, अजय प्रताप सिंह, अवध नरेश वर्मा, करुणा शंकर पटेल मौजूद थें।
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गौरतलब है कि अनुप्रिया पटेल ने अपने पिता डा सोनेलाल पटेल के निधन के बाद राजनीति में कदम रखा था। इसके बाद वह पार्टी की महासचिव रही और बाद में 2012 के चुनाव में रोहनिया विधानसभा से पहली बार पार्टी विधायक बनी। इसके बाद 2014 के चुनाव में वह मिर्जापुर से सांसद बनने के साथ ही मोदी सरकार में मंत्री बनी। इसके बाद वह एक बार फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में मिर्जापुर से दोबारा सांसद बनी।