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दिल्ली हिंसा पर एक अपील, गुमराह कर रहा है ये संगठन
दिल्ली पिछले कई दिनों से हिंसा की आग में चल रही है। ऐसे में अब दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने अपना बयान दिया है।
दिल्ली पिछले कई दिनों से हिंसा की आग में चल रही है। जिस पर हर कोई अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है। ऐसे में अब दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर गुरुवार को विदेश मंत्रालय ने अपना बयान दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि हिंसा के कारण, वजह की निश्चित रूप से जांच की जाएगी। श्री कुमार ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां स्थिति को सामान्य करने के लिए जमीनी स्तर पर अपना काम कर रही हैं। रवीश कुमार ने कहा, 'खुद पीएम ने सार्वजनिक रूप से शांति और भाईचारे की अपील की है।
एजेंसियों व व्यक्तियों द्वारा कुछ ऐसे बयान सामने आए हैं। जो ऐसे हालातों में नहीं आने चाहिए थे। हम आग्रह करेंगे कि इस तरह की गैरजिम्मेदार टिप्पणी करने का यह सही समय नहीं है, इससे जितनी समस्याएं सुलझेंगी, उससे अधिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।
गैर-जिम्मेदार बयान ज़ारी करने से बचें
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस्लामिक सहयोग संगठन के बयान का ज़िक्र करते हुए कहा कि- ओआईसी का बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और गुमराह करने वाला है। सामान्य स्थिति बहाल करने और आत्मविश्वास पैदा करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हम इन निकायों से गैर-जिम्मेदार बयान जारी न करने का आग्रह करते हैं।
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इस सवाल पर कि क्या रोहिंग्या मुद्दे पर म्यांमार के राष्ट्रपति यू विन मिंट और पीएम मोदी द्वारा भारत की पूर्व यात्रा के दौरान चर्चा की गई थी, रवीश कुमार ने कहा अगर आप हस्ताक्षर किए गए एमओयू की संख्या को देखते हैं, तो कम से कम 4-5 समझौतों का ज्ञापन हैं जो कि राखीन प्रांत के सामाजिक-आर्थिक विकास से संबंधित हैं। इसलिए इस बात पर काफी चर्चा हुई कि भारत, म्यांमार के उस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस तरह सहयोग कर सकता है।
842 भारतीयों को लाया गया वापस
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रवीश कुमार ने चीन में फंसे भारतीयों को लेकर कहा कि हमने वुहान, चीन और जापान से 195 भारतीयों और 41 विदेशी नागरिकों को निकाला है और उन्हें आज सुबह दो विशेष उड़ानों से भारत लाया है। अब तक, कुल 842 भारतीयों और 48 विदेशी नागरिकों को चीन और जापान से निकाला गया है।