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क्या कोरोना से निपटने के लिए लिए सेना संभाल सकती है मोर्चा, पढ़ें ये हैं नियम

देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। वहीं कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई हैं।

Shreya
Published on: 11 April 2020 4:29 AM GMT
क्या कोरोना से निपटने के लिए लिए सेना संभाल सकती है मोर्चा, पढ़ें ये हैं नियम
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नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। वहीं कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई हैं। आपको बता दें कि यूरोप के कई देशों में कोरोना के हालातों पर नियंत्रण रखने के लिए सेना की मदद ली जा रही है। तो ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या भारत में भी कोरोना की स्थिति को संभालने के लिए सेना की मदद ली जा सकती है। अगर ऐसा होता है तो क्या हैं नियम और सेना इसके लिए कितनी तैयार है, चलिए जानते हैं।

ये होती है आर्मी की भूमिका?

नियम के अनुसार, भूकंप, सुनामी, बाढ़ जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाओं (Natural disaster) के दौरान आर्मी की भूमिका सिविल अथॉरिटी की ओर से लागू कानून और व्यवस्था को नियंत्रित करने से लेकर, जरुरी सेवाओं को बनाए रखना और लोगों को सेवाएं उपलब्ध करानी होती है।

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क्या है प्रक्रिया?

सशस्त्र बल 1970 नियम के तहत नागरिक अधिकारों के लिए सेना के भूमिका दिए गए हैं। विनियम अध्याय VII, पैराग्राफ 301 से 327 और मैनुअल ऑफ इंडियन मिलिट्री लॉ, चैप्टर VII में सेना के लिए यह बताया गया है कि सिविल अथॉरिटी के अनुरोध पर किस तरह सेना नियमों को लागू कराने, व्यवस्था के रखरखाव, आवश्यक सेवाओं के रखरखाव, आपदा राहत और अन्य तरह की सहायता के लिए कार्य करती है।

CDS जनरल रावत ने 27 मार्च को एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि सेनाओं को ऐसे समय पर बाहर जाकर ऑपरेट करना होगा। ऐसे में लोगों देश में कोरोना के चलते आने वाली किसी भी तरह की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।

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उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाएं 30 हजार लोगों की क्षमता वाली क्वारनटीन सुविधा उपलब्ध कराने में पहले ही जुटी हुई है। जहां पर चीन, इटली, ईरान और मलेशिया और अन्य बाहरी देशों से आए करीब 1500 लोगों को रखा गया है।

CDS ने बताई आर्मी की भूमिका

CDS जनरल रावत ने इस संकट की घड़ी में आर्मी की भूमिका के बारे में बताते हुए कहा कि सेना की भूमिका आइसोलेशन और क्वारनटीन के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने से लेकर तात्कालिक सहायता के लिए स्पेशल मेडिकल केयर सेंटर बनाने में हो सकती है।

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स्थिति तभी कंट्रोल हो सकती है, जब...

CDS जनरल रावत ने ये भी कहा कि कोरोना वायरस को कंट्रोल में करने के लिए सरकारी एजेंसियों की ओर से किए जा रहे प्रयास तभी सफल हो सकेंगे, जब लोग दिए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करेंगे।

सेना के पास तैयार है 6 घंटे का प्लान

वहीं आर्मी चीफ एम. एम. नरवणे ने भी एक इंग्लिश न्यूजपेपर में दिए इंटरव्यू में कहा है कि जरूरत पड़ने पर सेना अहम कदम उठाने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि सेना के पास 6 घंटे का प्लान तैयार है। इस प्लान के मुताबिक, तुरंत ही आइसोलेशन सेंटर और आईसीयू को तैयार किया जा सकता है। आर्मी चीफ एम. एम. नरवणे ने कहा कि इस मुश्किल के वक्त में सेना अपना काम कर रही है और सभी ऑपरेशनल टास्क इस वक्त जारी हैं।

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