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कोरोना के खतरे से निपटने के लिए सेना ने लांच किया ये बड़ा ऑपरेशन
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना मैदान में उतर गई है। सेना ने ‘ऑपरेशन नमस्ते’ लॉन्च किया है। आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने बताया कि महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए सेना की जिम्मेदारी है कि वह सरकार की मदद करे।
नई दिल्ली: भारत में कोरोना का प्रकोप थमने का नहीं ले रहा है। पूरा देश इस समय वायरस से युद्धस्तर की लड़ाई लड़ रहा है। 21 दिनों के लॉक डाउन का शुक्रवार को तीसरा दिन है।
संक्रमित मरीजों के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोरोना के अबतक लगभग 724 मामले हो गए हैं तो वहीं 18 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना मैदान में उतर गई है। सेना ने ‘ऑपरेशन नमस्ते’ लॉन्च किया है। आर्मी चीफ एम एम नरवणे ने बताया कि महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए सेना की जिम्मेदारी है कि वह सरकार की मदद करे।
नरवणे ने लाइन ऑफ कंट्रोल या लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात सैनिकों से अपने करीबी और प्रियजनों के बारे में चिंता न करने और छुट्टियों को रद्द करने को कहा है।
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पहले भी इस ऑपरेशन में मिल चुकी है सफलता
उन्होंने कहा कि इसी तरह के हालात ऑपरेशन पराक्रम के दौरान भी देखे गए थे लेकिन तब भी सफलता ही मिली थी। ऑपरेशन नमस्ते को भी सफलता मिलेगी।
आर्मी चीफ ने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ इस लड़ाई में हमारी जिम्मेदारी है हम सरकार और जनता की मदद करें। बतौर आर्मी चीफ यह मेरी प्राथमिकता है कि मैं अपने सैनिकों को सुरक्षित और फिट रखूं। हम अपने कर्तव्यों में तभी सेवा कर सकते हैं जब हम खुद सुरक्षित हों।'
इसके अलावा, अगर कोई समस्या सामने आती है तो परिवार नजदीकी आर्मी कैंप में भी जा सकते हैं। आर्मी चीफ ने कहा कि उन्हें पता था कि छुट्टी को रद्द करने से सैनिकों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है लेकिन साल 2001-02 में ऑपरेशन पराक्रम के दौरान सेना के जवानों ने आठ से दस महीने तक छुट्टियां नहीं ली थीं।
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भारतीय सेना ने जारी की एडवाइजरी
उन्होंने आगे कहा कि देश की रक्षा के लिए हमें जरूरी है कि हम अपने आप को फिट और सुरक्षित रखें। इसको ध्यान में रखते हुए हमने बीते कुछ सप्ताह में दो-तीन एडवाइजरी जारी की है जिन्हें जरूर फॉलो करना है। भारतीय सेना ने इसे ऑपरेशन नमस्ते नाम दिया है।
उन्होंने अपने सैनिकों को भरोसा दिलाया कि वह अपने करीबियों की चिंता न करें क्योंकि सेना उनका ख्याल रख रही है।
आर्मी चीफ ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि हम अपने ऑपरेशन नमस्ते में सफल होंगे। हमने कमांड वार हेल्पलाइन की स्थापना की है, जिससे कोई मदद लेने के लिए संपर्क कर सकता है। सेना ने देशभर में कई क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए हैं।