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जम्मू कश्मीर में एक जवान की मौत, केवल आतंकी नहीं सेना की जान का दुश्मन है ये...
पूंछ: जम्मू कश्मीर में एलओसी में हुए हिमस्खलन में सेना के एक जवान की मौत हो गयी। दरअसल, मौसम खराब होने के चलते एक बर्फ की चट्टान गिर गयी, जिसके नीचे चार पोर्टर सब गये। सेना के बचाव दल ने मौके पर पहुंच कर सबको बाहर निकाला। इस दौरान तीन पोर्टर को तो सुरक्षित बचा लिया गया लेकिन एक की जान चली गयी।
खबर जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले से हैं, यहां मंगलवार की देर शाम बर्फ की चट्टान गिर गयी। इस दौरान वहां मौजूद सेना के चार पोर्टर चट्टान के नीचे दब गये। जानकारी मिलते ही सेना का बचाव दल पहुंच गया और जवानों को चट्टान के नीचे से निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी गयी। किसी तरह चारों को निकाला गया और आनन फानन में अस्पताल पहुँचाया गया। तीन पोर्टर सुरक्षित हैं, वहीं एक की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। इस बारे में पुलिस के अधिकारियों ने जानकारी दी। मामला पूंछ के शाहपुर सेक्टर के पास का है।
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इससे पहले भी बर्फीले तूफान में लापता हुए थे 4 जवान
गौरतलब है कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब बर्फीले तूफ़ान या हिमस्खलन के कारण जवानों की जान पर बन आई हो। इससे पहले पिछले महीने भी चार जवान बर्फीले तूफ़ान में लापता हो गये थे। जम्मू-कश्मीर में आए बर्फीले तूफान के दौरान हिमस्खलन की दो घटनाएं बांदीपोरा के गुरेज सेक्टर और कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में हुई थीं। यह दोनों इलाके उत्तरी कश्मीर के अंतर्गत आते हैं। 18 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर हुए हिमस्खलन में 4 जवान लापता हो गए थे।
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सियाचिन के हिमस्खलन में जवान हुए शहीद:
पिछले साल 30 नम्वबर को भी चार जवान हिमस्खलन के कारण शहीद हो गये थे। बता दें कि दक्षिणी सियाचिन ग्लेशियर में लगभग 18,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेना का गश्ती दल हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। इसमें सेना के दो जवान शहीद हो गए थे। यह सियाचिन में मात्र 15 दिनों में हुआ दूसरा हिमस्खलन था।
उससे कुछ दिन पहले ही दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में हुए एक हिमस्खलन की चपेट में आने से सेना के 4 जवान शहीद हो गए थे। बर्फ में दबने से 2 नागरिकों की भी मौत हो गई। सेना के अधिकारियों (Army Officers) ने बताया कि जिस इलाके में यह दुर्घटना हुई, वह जगह 19,000 फीट या उससे ज्यादा ऊंचाई पर है।