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जम्मू कश्मीर से बड़ी खबर,अब यहां के लोग नहीं छोड़ेंगे घरबार, जानिए क्यों?
जम्मू-कश्मीर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें अपने ही सूबे में रोज़गार के सैकड़ों मौके मिलने लगेंगे। और यह सब मुमकिन होगा प्राइवेट कंपनियों के हजारों करोड़ रुपये के निवेश से। अर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद से सिर्फ 5 महीने में निवेश के दर्जनों प्रस्ताव आए हैं।
नई दिल्ली जम्मू-कश्मीर वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। जल्द ही उन्हें अपने ही सूबे में रोज़गार के सैकड़ों मौके मिलने लगेंगे। और यह सब मुमकिन होगा प्राइवेट कंपनियों के हजारों करोड़ रुपये के निवेश से। अर्टिकल 370 (Article 370) हटने के बाद से सिर्फ 5 महीने में निवेश के दर्जनों प्रस्ताव आए हैं। अब जम्मू-कश्मीर वालों को रोज़गार के लिए अपने घर और शहर को छोड़कर नहीं जाना होगा।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में के जवाब में बताया है कि अर्टिकल 370 हटने के बाद 5 अगस्त से लेकर 31 दिसम्बर 2019 तक जम्मू-कश्मीर में निवेश के 44 प्रस्ताव मिले हैं। यह सभी प्रस्ताव 13120 करोड़ रुपये के हैं। सभी प्रस्तावों की अलग-अलग विभागों में जांच चल रही है। जांच पूरी होते ही निवेश की मंजूरी दे दी जाएगी।
गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी ने एक बयान देते हुए बताया था कि 370 हटने के बाद 5 अगस्त 2019 से लेकर 24 जनवरी 2020 के बीच जम्मू-कश्मीर में 173 दिन में सिर्फ 22 सुरक्षाकर्मी ही शहीद हुए हैं। जबकि 13 फरवरी 2019 से 4 अगस्त तक 82 जवान शहीद हुए थे । दूसरी ओर 370 हटने के बाद से 32 आतंकवादियों को मौत के घाट उतारा गया तो 10 को ज़िंदा पकड़ा गया है।
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जम्मू-कश्मीर से अर्टिकल 370 हटाने की चर्चा पर सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार ने कश्मीर घाटी में हिंसा का हवाला देते हुए कहा था कि कई साल से सीमा पार से आतंकवादियों को यहां भेजा जाता था। स्थानीय उग्रवादी और अलगाववादी संगठनों ने पूरे क्षेत्र को बंधक बना रखा था। ऐसे हालात में अगर सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिये एहतियाती कदम नहीं उठाती तो यह ठीक नहीं होता। केंद्र सरकार ने पिछले साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अर्टिकल-370 के कई प्रावधान खत्म कर दिए थे। साथ ही राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।