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Himanta Biswa Sarma: 'किसी से पैसे उगाही के लिए हो रही JPC की मांग...राहुल गांधी के पीछे JNU के लोग', बोले हिमंत बिस्वा

Himanta Biswa Sarma on Rahul Gandhi : असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी द्वारा बार-बार अडानी का नाम लिए जाने पर खुलकर जवाब दिया। उन्होंने कहा, अब राहुल को बार-बार असम आना होगा। साथ ही, गुलाम नबी आज़ाद की किताब में अपने उद्धरण पर पूरे वाकये को विस्तार से बताया।

Aman Kumar Singh
Published on: 15 April 2023 4:22 AM IST (Updated on: 14 April 2023 12:55 PM IST)
Himanta Biswa Sarma: किसी से पैसे उगाही के लिए हो रही JPC की मांग...राहुल गांधी के पीछे JNU के लोग, बोले हिमंत बिस्वा
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हिमंत बिस्वा सरमा और राहुल गांधी (Social Media)

Himanta Biswa Sarma on Rahul Gandhi : असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) अपनी बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं। असम के सीएम ने अपने उसी अंदाज में कांग्रेस, राहुल गांधी, जेपीसी और सावरकर के मुद्दे पर खुलकर अपना पक्ष रखा। हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस छोड़ने से लेकर देश के विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। हिमंत बिस्वा ने कहा, राहुल गांधी के पीछे जेएनयू (JNU) के लोग हैं। वहीं, वीर सावरकर पर बोले कि उन्हें हर घर में सम्मान मिलना चाहिए था। मगर, ऐसा नहीं हुआ।

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस और खासकर राहुल गांधी द्वारा बार-बार अडानी का नाम लिए जाने पर भी जवाब दिया। उन्होंने बताया 'अडानी ने असम में कोई निवेश नहीं किया है। मैं उन्हें नहीं जानता। राहुल ने जब उनसे मेरा नाम जोड़ा है तो मैं उनके खिलाफ केस करूंगा।' हिमंत बिस्वा सरमा ने ये बातें खबरिया चैनल tv9 से विशेष बातचीत में कही।

आप राहुल गांधी के पीछे या वो?हिमंत ने दिया जवाब

खबरिया चैनल के पत्रकार ने जब हिमंत बिस्वा शर्मा से पूछा कि, 'राहुल गांधी (Rahul Gandhi) आपके पीछे हैं या आप राहुल के? इसके जवाब में असम के सीएम ने कहा, 'कोई किसी के पीछे नहीं है। लेकिन, राहुल गांधी के पीछे जो लोग हैं वो जबरदस्ती उनसे काम कराते हैं। मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा, काम करवाते तो हैं लेकिन उनसे होता नहीं है।' उन्होंने आगे कहा, हम उनके पीछे हैं। एक बैट्समैन से नहीं होता है, वो जीरो ही मानेगा, हम उनके पीछे हैं। ये सब JNU के लोग हैं, जिनको सेक्यूलर बोलने से वो खुश होते हैं।'

हिमंत बिस्वा- राहुल को बार-बार असम आना होगा

हिमंत बिस्वा से जब ये पूछा गया कि, 'राहुल गांधी के अडानी को लेकर ट्वीट में आपका भी नाम है। यो जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं तो अडानी को नहीं जानता। उन्होंने (अडानी) असम में कोई निवेश भी नहीं किया है। उनके साथ मेरा नाम लगाया गया। अब मैं तो कोर्ट जाऊंगा। उन्हें (राहुल गांधी) बार-बार असम आना होगा।' हालांकि, एक अन्य सवाल के जवाब में असम के सीएम ने कहा, 'राहुल गांधी से बहुत लड़ना सही नहीं है। राहुल गांधी है क्या? आप कभी बात करें आपको आइडिया लग जाएगा।'

'पैसे उगाही के लिए हो रही JPC की मांग'

शरद पवार ने हाल ही में अडानी मामले में कहा था कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग सही नहीं है। तो क्या पवार और बीजेपी के बीच कोई दोस्ती हो रही है? कहीं आप इसके पीछे तो नहीं हैं? इस पर मुस्कुराते हुए हिमंत बिस्वा कहते हैं, 'किसी से पैसा उगाही करनी है, इसलिए जेपीसी-जेपीसी बोल रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में संज्ञान लिया है। जो कुछ बोलना है, वहां जाकर बोलें। पलटकर पूछते हैं सर्वोच्च न्यायालय से ऊपर कोई संस्था भारत में है क्या?

आप गोल्डन स्पून में, सावरकर अंडमान की जेल में रहे

राहुल गांधी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ते जिसमें उनके निशाने पर वीर सावरकर न हों। मानहानि केस में माफी मांग लेने के सवाल पर भड़के राहुल गांधी ने कहा था कि वो सावरकर नहीं हैं, गांधी हैं। और गांधी माफ़ी नहीं मांगते। इस पर असम के मुख्यमंत्री ने कहा, 'सावरकर से उनकी तुलना हो भी नहीं सकती। आप (राहुल) गोल्डन स्पून में हैं। सावरकर अंडमान की जेल में रहे। वास्तव में कोई तुलना नहीं है।' सावरकर को भारत रत्न दिया जाए? इसके जवाब हिमंत कहते हैं सावरकर तो सभी के दिल में हैं। सावरकर ने नए युग का निर्माण किया। वो हर भारतीय के घर-घर में हैं। उनका सम्मान भारत रत्न से ऊपर है। उन्हें ये सम्मान पहले ही दिया जाना चाहिए था।'

आज़ाद की किताब में उद्धरण पर ये बोले हिमंत

हाल ही में कांग्रेस के पुराने दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की आत्मकथा 'आज़ाद' बाजार में आयी है। गुलाम नबी ने अपनी किताब में हिमंत बिस्वा का भी जिक्र किया है। गुलाम नबी ने किताब में लिखा है कि, वो राहुल गांधी से कहते हैं कि हिमंता असम का बड़ा नेता है। वो पार्टी छोड़ सकता है। जिस पर राहुल ने कहा, ...तो जाने दो। इस पर हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, उन्होंने ऐसा ही बोला। लेकिन, जिस दिन में गया, उस दिन मुझे 4-4 बार फोन किया। कहा, आप मत जाइए। मैंने कहा था मैं कैसे वापस आ सकता हूं। इनकी कोई विचारधारा नहीं है।'

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