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भूमिपूजन में यहां की मिट्टी लाना था सबसे मुश्किल, एक दंपति ने ऐसे पूरा किया काम

देश के विभिन्न पवित्र स्थानों से अयोध्या तक मिट्टी लाने में तो ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी मगर एक स्थान ऐसा है जहां से मिट्टी लाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े।

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Published on: 6 Aug 2020 3:42 AM GMT
भूमिपूजन में यहां की मिट्टी लाना था सबसे मुश्किल, एक दंपति ने ऐसे पूरा किया काम
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Bhoomi Pujan

अंशुमान तिवारी

अयोध्या: राम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए पवित्र स्थानों की मिट्टी जुटाने में भी काफी मेहनत की गई। देश के विभिन्न पवित्र स्थानों से अयोध्या तक मिट्टी लाने में तो ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी मगर एक स्थान ऐसा है जहां से मिट्टी लाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़े। यह स्थान है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) स्थित शारदा पीठ। शारदा पीठ की पवित्र नदी अयोध्या तक लाने के कारण काफी रोचक है।

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भारतीयों को पीओके जाने की अनुमति नहीं

पीओके पर पाक सेना सख्त निगाह रखती है और वहां से भारत विरोधी कार्रवाई को समय-समय पर अंजाम भी दिया जाता है। पीओके में भारतीय नागरिकों को जाने की इजाजत नहीं है। इसलिए भारत से कोई वहां जाकर शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी नहीं ला सकता था।

Sarada Peeth Sarada Peeth

चीन के भारतवंशी दंपति ने पूरा किया काम

यह महत्वपूर्ण काम चीन के रहने वाले भारतवंशी दंपति को सौंपा गया। भारत के रहने वाले दंपति ने चीन के पासपोर्ट कर पीओके जाकर शारदा पीठ की पवित्र मिट्टी भारत तक पहुंचाने के काम को बखूबी अंजाम दिया।

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चीन के पासपोर्ट पर पीओके की यात्रा

शरदा पीठ की पवित्र मिट्टी भारत लाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी कर्नाटक के वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी को सौंपी गई थी। वेंकटेश अपनी पत्नी के साथ चीन में रहते हैं। सेवा शारदा पीठ ने इस महत्वपूर्ण काम के लिए उनसे संपर्क किया। पीओके में भारतीयों को जाने की अनुमति न होने के कारण वेंकटेश रमन और उनकी पत्नी ने चीन के पासपोर्ट पर पीओके की यात्रा की।

हांगकांग के रास्ते पहुंचे दिल्ली

यह दंपति चीन के के पासपोर्ट पर हांगकांग से पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद पहुंचा। वहां से वेंकटेश और उनकी पत्नी शारदा पीठ गए और वहां का प्रसाद व मिट्टी इकट्ठा की। इसके बाद वेंकटेश और उनकी पत्नी शारदा पीठ की मिट्टी व प्रसाद लेकर हांगकांग होते हुए दिल्ली पहुंचे।

अंजना पर्वत का जल भी पहुंचा अयोध्या

दिल्ली पहुंचने के बाद वेंकटेश और उनकी पत्नी ने सेवा शारदा पीठ के सदस्य अंजना शर्मा को मिट्टी व प्रसाद सौंपा। दिल्ली से शर्मा शारदा पीठ की मिट्टी व प्रसाद लेकर अयोध्या पहुंचे। शर्मा का कहना है कि वे शारदा पीठ के मुख्य पुजारी रविंद्र पंडित के निर्देश पर मिट्टी व प्रसाद लेकर अयोध्या पहुंचे हैं।

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शर्मा अपने साथ कर्नाटक के अंजना पर्वत का जल भी अयोध्या लाए। अंजना पर्वत को भगवान हनुमान का जन्म स्थान माना जाता है। शर्मा ने अयोध्या में बताया कि गोकर्ण से भी भूमि पूजन के लिए पवित्र जल अयोध्या लाया गया।

कश्मीरी पंडितों का पवित्र स्थल

वैसे तो अयोध्या में श्रीलंका और नेपाल से भी पवित्र मिट्टी और जल लाया गया मगर पीओके से मिट्टी लाने का काम सबसे कठिन था। शारदा पीठ पाक अधिकृत कश्मीर में स्थित है और यह पीठ कश्मीरी पंडितों के लिए तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है। पीओके में नीलम नदी के किनारे स्थित यह पवित्र पीठ कश्मीर के उरी से करीब 70 किलोमीटर दूर स्थित है।

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शारदा पीठ पहुंचने के दो मार्ग

शारदा पीठ पहुंचने के लिए दो मार्गों का इस्तेमाल किया जाता है। पहला मार्ग मुजफ्फराबाद की तरफ से है, जबकि दूसरा पुंछ-रावलकोट से। अधिकांश लोग पहले मार्ग का ही इस्तेमाल करते हैं। पाकिस्तान सरकार की तरफ से पिछले साल 25 मार्च को यहां एक कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी गई थी।

पीओके में इसलिए पाक की सख्त निगाह

पीओके में पास सेना काफी सख्त निगाह रखती है। इसका कारण यह है कि यहां तमाम ऐसी गतिविधियों का संचालन किया जाता है जिन्हें पाकिस्तान सरकार दुनिया की निगाहों से हमेशा छुपाती रही है। यहां विभिन्न इलाकों में आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर भी संचालित होते हैं। यहां से आतंकियों को ट्रेनिंग देकर जम्मू कश्मीर में भारत विरोधी कार्रवाइयों के लिए भेजा जाता है। भारत की ओर से कई बार इस बात का खुलासा भी किया जा चुका है।

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