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Dhirendra Shastri के सिखों को सनातन धर्म की सेना बताने पर विवाद, SGPG ने जताई तीखी आपत्ति, कहा-बयान पर मांगें माफी
Baba Bageshwar: कमेटी के महासचिव ने कहा कि सभी धर्मों की अलग पहचान है और इसी तरह सिख धर्म भी अलग धर्म है। उन्होंने कहा कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री को सिखों पर दिए गए अपने इस बयान पर तत्काल माफी मांगनी चाहिए।
Baba Bageshwar News: बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के सिखों के संबंध में दिए गए बयान पर बड़ा विवाद पैदा हो गया है। धीरेंद्र शास्त्री ने सिखों को सनातन धर्म की सेना बताया है। बाबा के इस बयान पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने तीखी आपत्ति जताते हुए कहा कि बाबा को सिख धर्म की जानकारी नहीं है।
कमेटी के महासचिव ने कहा कि सभी धर्मों की अलग पहचान है और इसी तरह सिख धर्म भी अलग धर्म है। उन्होंने कहा कि बाबा धीरेंद्र शास्त्री को सिखों पर दिए गए अपने इस बयान पर तत्काल माफी मांगनी चाहिए।
बाबा को सिख धर्म के बारे में जानकारी नहीं
हाल के दिनों में बाबा धीरेंद्र शास्त्री के कई बयान चर्चा का विषय बने हैं और अब उनके सिख धर्म के बारे में दिए गए बयान पर बड़ा विवाद पैदा हो गया है। धीरेंद्र शास्त्री ने पंजाबी गायक इंदरजीत निक्कू की मौजूदगी में सिखों को सनातन धर्म की सेना बताया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बाबा के इस बयान का तीखा विरोध किया है। कमेटी के महासचिव गुरुचरन सिंह ग्रेवाल ने बाबा को अज्ञानी बताते हुए कहा कि उन्हें सिख धर्म के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
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उन्होंने कहा कि बाबा का यह कहना पूरी तरह गलत है कि सिख सनातन धर्म की सेना का हिस्सा हैं। सच्चाई तो यह है कि हर धर्म की अलग पहचान होती है और इसी तरह सिख धर्म भी अलग धर्म है। सिख धर्म को किसी अन्य धर्म का हिस्सा बताना उचित नहीं है।
अपने बयान पर माफी मांगें धीरेंद्र शास्त्री
ग्रेवाल ने कहा कि बाबा को पहले सिखों से जुड़ा हुआ इतिहास पढ़ना चाहिए क्योंकि उन्हें सिख धर्म से जुड़े हुए इतिहास की कोई जानकारी नहीं है। उन्हें तो पंच प्यारों के नाम तक नहीं पता होंगे। सिख धर्म को सनातन धर्म की सेना बताने के बयान पर बाबा को सिखों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सिखों के संबंध में काफी आपत्तिजनक बयान दिया है और उनके इस बयान से सिख कौम की भावनाएं आहत हुई हैं।
एसजीपीजी के महासचिव ग्रेवाल ने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी ने सभी को अपने धर्म पर कायम रहने की सलाह दी थी। यही कारण है कि सिख धर्म से जुड़े हुए लोग हर धर्म का सम्मान करते हैं मगर उनकी धार्मिक भावनाओं का भी ख्याल रखा जाना चाहिए। जिन लोगों को सिखों से जुड़े हुए इतिहास की जानकारी नहीं है उन्हें सिख धर्म के संबंध में कोई बयान देने का हक नहीं है।
पहले भी पैदा हो चुका है विवाद
वैसे यह पहला मामला नहीं है जब धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर विवाद पैदा हुआ है। इससे पूर्व भी उनके कई बयानों पर विवाद पैदा हो चुका है। पिछले दिनों अपनी बिहार यात्रा के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की पैरवी की थी। उनका कहना था कि एक दिन एक संत ने मुझसे कहा कि मैं हिंदू राष्ट्र की बात करता हूं मगर यह कैसे संभव है? इस पर मैंने उन्हें जवाब दिया था कि भारत पहले से ही हिंदू राष्ट्र है और जल्द ही इसकी घोषणा भी हो जाएगी।
उनके इस बयान पर खासा विवाद पैदा हो गया था और कई विपक्षी दलों की ओर से इस बयान पर तीखी आपत्ति जताई गई थी। इस बयान को लेकर धीरेंद्र शास्त्री पर संघ और भाजपा के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया गया था।