TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

चीन को एक और बड़ी आर्थिक चोट देने की तैयारी, मोदी सरकार ने शुरू कर दिया मंथन

59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। चीनी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार के भीतर मंथन का काम शुरू हो गया है।

Rahul Joy
Published on: 30 Jun 2020 10:19 AM IST
चीन को एक और बड़ी आर्थिक चोट देने की तैयारी, मोदी सरकार ने शुरू कर दिया मंथन
X

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: लद्दाख में चीन के साथ पैदा हुए विवाद के बाद देश में बने चीन विरोधी माहौल की आंच अब दिल्ली में भी महसूस की जा रही है। 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद मोदी सरकार आर्थिक मोर्चे पर चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। चीनी सामानों के आयात पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार के भीतर मंथन का काम शुरू हो गया है।

भारत में 59 चीनी एप्स बैन, अब आपके पास हैं ये ऑप्शंस, जानिए इनके बारे में

सरकार ने औद्योगिक संगठनों से मांगी राय

इस बाबत कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार की ओर से विभिन्न औद्योगिक संगठनों, मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन व निर्यातकों से राय मांगी गई है। सरकार की ओर से इन संगठनों से खास तौर पर भी विकल्प की तैयारी और आयात पर प्रतिबंध लगाने की स्थिति में उनकी सहजता के बारे में सवाल पूछे गए हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि इससे समझा जा सकता है कि केंद्र सरकार चीन से आयात के मोर्चे पर की सख्त फैसले की तैयारी कर रही है।

सख्त फैसले से पहले चल रहा होमवर्क

सरकार चीनी आयात के बारे में कोई भी सख्त फैसला लेने से पहले पूरी तैयारी के होमवर्क में जुट गई है। दवा, ऑटो पार्ट्स, मोबाइल, अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, केमिकल जैसे कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां भारत काफी हद तक चीन से होने वाले कच्चे माल की सप्लाई पर निर्भर है और चीन से बिना सप्लाई के तैयार माल का उत्पादन संभव नहीं है। दवा निर्माण के लिए 90 फ़ीसदी कच्चे माल की आपूर्ति चीन से ही होती है। मोबाइल फोन के मामले में भी भारत की चीन पर 70 फ़ीसदी निर्भरता है।

ऑटो पार्ट्स के मामले में भी चीन से आने वाले कच्चे माल पर भारत की निर्भरता काफी ज्यादा है। चीन से कच्चा माल न आने पर कई ऑटो पार्ट्स का निर्माण ही संभव नहीं होगा। कॉस्मेटिक के क्षेत्र का भी यही हाल है। निर्यातकों का कहना है कि चीन से आने वाला सामान काफी सस्ता होता है। इस कारण किसी भी प्रोडक्ट की लागत कम होती है और वे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुकाबला करने में सक्षम होते हैं।

शादी बनी काल: दुल्हे की कोरोना से मौत, 95 लोग मिले संक्रमित, मचा हड़कंप

सरकार को विकल्प की तलाश

इसलिए सरकार की ओर से विकल्प के तौर पर यह भी देखा जा रहा है कि चीन के बजाय और कहां से कच्चा माल और अन्य जरूरी सामान मंगाए जा सकते हैं। सरकार की ओर से पहले ही औद्योगिक संगठनों एवं एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल से चीन से आयात होने वाले सामानों की पूरी सूची मांगी जा चुकी है। सरकार इसे लेकर निश्चिंत हो जाना चाहती है कि आखिर वे कौन कौन सा आइटम हैं जिनका निर्माण भारत में तत्काल आसानी से किया जा सकता है। इसके साथ ही सरकार प्रतिबंध की स्थिति में भारतीय मैन्युफैक्चरर्स को नुकसान से बचाना भी चाहती है।

मोदी ने दिया था वोकल फॉर लोकल का संदेश

कोरोना संकट काल में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में वोकल फॉर लोकल का संदेश दिया था। उनका कहना था कि संकट के दौर में हमें लोकल ने ही बचाया है। इस संकट ने हमें मुसीबत में फंसाने के साथ ही एक बड़ा अवसर भी दिया है और हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए आगे आना होगा। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों ने इस दिशा में प्रयास शुरू भी कर दिया है।

सरकार से साहसिक फैसले की दरकार

पीएचडी चेंबर के टेलीकॉम कमेटी के चेयरमैन संदीप अग्रवाल का कहना है कि सरकार को चीन के संबंध में साहसिक फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ दिनों के लिए हमें महंगे सामान खरीदने पड़े, लेकिन देश के लोगों को इसके लिए तैयार रहना होगा। उनका कहना है कि भारतीय कंपनियों को ट्रायल ऑर्डर देने की शुरुआत होनी चाहिए और उसमें कमियां या देरी होने पर किसी प्रकार के जुर्माने का प्रावधान नहीं होना चाहिए।

तेज हुई बॉयकॉट चाइना की मुहिम

लद्दाख में चीन के साथ विवाद के बाद देश में बॉयकॉट चाइना मुहिम तेज होती जा रही है। केंद्र सरकार ने चीन के खिलाफ बड़ा फैसला लेते हुए 59 चीनी एप्स को प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें कई एप ऐसे हैं जिनके भारत में करोड़ों यूजर्स हैं। इससे साफ है कि सरकार चीन के खिलाफ आरपार की लड़ाई लड़ने के मूड में आ गई है। माना जा रहा है इसी कारण सरकार ने चीन से होने वाले आयात के मोर्चे पर भी बड़ा फैसला लेने का मन बना लिया है।

खौफ में दहशतगर्द: सेना का ऑपरेशन ऑलआउट में बना काल, फिर मारे गए दो आतंकी

देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।



\
Rahul Joy

Rahul Joy

Next Story