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सावधान हो जाएँ: पैसों को लेकर रहें सतर्क, लगेगा लाखों-करोंड़ो का चूना

अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा फायदे का ही बिजनेस करते हों। जीं हां कम सैलरी और थोड़ी बचत से भी अमीर बना जा सकता है।

Vidushi Mishra
Published on: 23 April 2020 2:47 PM IST
सावधान हो जाएँ: पैसों को लेकर रहें सतर्क, लगेगा लाखों-करोंड़ो का चूना
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सावधान हो जाएँ: पैसों को लेकर रहें सतर्क, लगेगा लाखों-करोंड़ो का चूना

नई दिल्ली: हर इंसान की ये ख्वाइश जरूर होती है कि वे अमीर बने। जो गरीब होता है, वो तो ये चाहता ही है कि उसके पास खूब सारे पैसे आ जाए। लेकिन जिनके पास अच्छी खासी रकम होती है वो उसे और बढ़ाना चाहते है। ऐसे में अमीर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि आपकी सैलरी बहुत ज्यादा हो या फिर आप हमेशा फायदे का ही बिजनेस करते हों। जीं हां कम सैलरी और थोड़ी बचत से भी अमीर बना जा सकता है।

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शेयर मार्केट में 25 फीसदी की गिरावट

इस तरह से अमीर बनने के लिए ये बेहद जरूरी है कि आप सही जगह और सही समय पर पैसा लगाएं। कोरोना वायरस की वजह से इस साल अब तक शेयर मार्केट में 25 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

अब हम में से बहुत लोगों को अपने निवेश को लेकर तरह-तरह की चिंता सता रही है। ज्यादातर हम लोग जल्दबाजी में फैसले ले लेते हैं जबकि निवेश करते समय हमेशा शांत दिमाग से काम लेना चाहिए।

किन गलतियों को न करें और अमीर बने

इसमें आपको शायद इधर-उधर कुछ एडजस्टमेंट और रीबैलेंसिंग करनी पड़े, लेकिन सबकुछ नहीं बदलना चाहिए। तो चलिए आपको बताते है कि किन गलतियों को न करें और निवेश करके अमीर बने।

कोविड-19 की वजह से मार्केट में बड़ी गिरावट देखते हुए हम अपनी इक्विटी होल्डिंग को बेचने की कोशिश करने लगते हैं। ज्यादातर एक कैटेगरी के तौर पर मल्टी-कैप फंड्स की ही बात करें।

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कई रिसर्च के अनुसार, इसमें बीते एक महीने में लगभग 27 फीसदी की गिरावट आई है। आप शायद चाह रहे होंगे कि इन्हें बेचकर बॉन्ड फंड्स में शिफ्ट हो जाया जाए।

वित्तीय इंवेस्टमेंट के लिए फायदेमंद न हो

वहीं मुंबई की प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के फाउंडर और चीफ फाइनेंशियल प्लानर विशाल धवन बताते हैं, ‘जब लोगों के पास ज्यादा फ्री टाइम होता है तो वे ज्यादातर अपने पोर्टफोलियो खंगालने लगते हैं। ऐसे में जब नुकसान होता है तो आप भावनाओं के आधार पर कुछ फैसले करते हैं जो कि शायद आपकी वित्तीय इंवेस्टमेंट के लिए फायदेमंद न हो।’

ऐसे में पूरे स्टॉक्स बेचना आपको महंगा पड़ सकता है। जानी-मानी फाइनेंशियल प्लानर पारुल माहेश्वरी कहती हैं, ‘इक्विटी से बॉन्ड पर शिफ्ट अब यह सुनिश्चित करता है कि आप मामूली लॉस की भरपाई कर पाएंगे।

फिक्स्ड डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में गिरावट के चलते आपके लिए इक्विटी में गंवाई गई पूंजी को रिकवर करने में काफी लंबा वक्त लग जाएगा।’

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कुछ इनवेस्टर्स इसमें छलांग लगाने के लिए बेकरार

ये टाइम स्टॉक्स बेचने या इक्विटी फंड्स में अपनी सिस्टेमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) को रोकने का नहीं है. पारुल सलाह देती हैं कि आप अपने एसेट एलोकेशन पर टिके रहिए। फाइनेंशइयल प्लान के मुताबिक अगर आपका कोई नियर टर्म गोल है तभी इक्विटीज से फिक्स्ड इनकम की ओर शिफ्ट हों।

हम में से कुछ स्टॉक्स में ज्यादा पैसे लगाने की कोशिश भी करने लगते हैं। स्टॉक मार्केट्स में चल रहे हालातों को लेकर आई गिरावट के बाद कुछ इनवेस्टर्स इसमें छलांग लगाने के लिए बेकरार हो गए हैं।

गलती को हड़बड़ाहट में खत्म नहीं किया जा सकता

जान लीजे, इक्विटीज लेने का यह एक अच्छा टाइम है, लेकिन यह भी समझना बेहद जरूरी है कि यह खरीदारी सोच-समझकर सही-सटीक अंदाज में होनी चाहिए। किसी भी स्टॉक्स को हड़बड़ी में नहीं खरीदना चाहिए। वहीं इससे पहले की गलती को हड़बड़ाहट में खत्म नहीं किया जा सकता।

कोविड-19 की वजह से होने वाले आर्थिक नुकसान का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इन स्थितियों में ग्लोबल इकनॉमिक रिकवरी में भी अभी बहुत टाइम लग सकता है।

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इसमें ऑप्टिमा मनी मैनेजर्स के फाउंडर और सीईओ पंकज मठपाल कहते हैं, ‘इस बात में कोई शक नहीं है कि वैल्यूएशन अट्रैक्टिव स्तर पर हैं। लेकिन, इनमें एकदम से पैसा लगाना, मसलन स्मॉल कैप इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में एक बार में सारा पैसा लगाने से बचना चाहिए।’

3 महीने का मोरेटोरियम

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने उधार लेने वालों को 3 महीने का मोरेटोरियम दिया है। मोरेटोरियम ये होता है कि आपको इतने टाइम तक लोन की ईएमआई चुकाने से छूट मिल जाती है।

ऐसे में उधार लेने वालों के लिए ये एक बड़ी राहत की बात है जो कि नौकरी छूटने या कैशफ्लो में कमी आने के चलते वित्तीय रूप से मुश्किल का सामना कर रहे हैं।

लेकिन अगर आपको आपकी सैलरी मिल रही है और आप लोन की ईएमआई चुकाने की स्थिति में हैं तो मोरेटोरियम का चुनाव मत कीजिए। मोरेटोरियम किसी भी तरह से मुफ्त नहीं होता।

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Vidushi Mishra

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