×

बीटिंग द रिट्रीट में इस बार का मुख्य आकर्षण होगा विजय का गीत

बीटिंग रिट्रीट समारोह चार दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। इस बार पहली बार बैंड एक विशेष गीत - स्वर्णिम विजय - का प्रदर्शन करेगा।

Shivani Awasthi
Published on: 28 Jan 2021 4:42 PM GMT
बीटिंग द रिट्रीट में इस बार का मुख्य आकर्षण होगा विजय का गीत
X

रामकृष्ण वाजपेयी

राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस बार भी 29 जनवरी की शाम को 'बीटिंग द रिट्रीट' कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। हर साल रायसीना रोड पर राष्ट्रपति भवन के सामने सेना के जवान इसका प्रदर्शन करते हैं। ये प्रदर्शन अपने आप में आकर्षण का केंद्र होता है। बीटिंग द रिट्रीट इस कार्यक्रम में भी काफी भीड़ जुटती है लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए यह संख्या सीमित रखी जाएगी। चार दिनों तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन बीटिंग रिट्रीट के साथ ही होता है। 26 जनवरी के गणतंत्र दिवस समारोह की तरह बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम भी देखने लायक होता है।

29 जनवरी को बीटिंग रिट्रीट समारोह का आयोजन

बीटिंग रिट्रीट समारोह चार दिन तक चलने वाले गणतंत्र दिवस समारोह का समापन होता है। इस बार पहली बार बैंड एक विशेष गीत - स्वर्णिम विजय - का प्रदर्शन करेगा। स्वर्णिम विजय, 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बनाया गया था। इसमें युद्ध में शहीद हुए वीरों को नमन किया गया है। इस प्रदर्शन का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल विमल जोशी और हवलदार जीवान रासली ऐतिहासिक विजय चौक पर करेंगे जहां बीटिंग रिट्रीट समारोह होता है। स्वर्णिम विजय जीत का गीत है जिसे सेना ने अपने ट्विटर हैंडल पर पहले पोस्ट किया था।



राष्ट्रपति भवन के सामने रायसीना हिल्स पर आयोजन

‘बीटिंग द रिट्रीट’ का आयोजन राष्ट्रपति भवन के सामने रायसीना हिल्स पर किया जाता है, जिसके मुख्य अतिथि राष्ट्रपति होते हैं। 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच राष्ट्र पति भवन समेत सरकारी भवन को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है। इस आयोजन में तीनों सेनाएं (आर्मी, नेवी, एयरफोर्स) एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड का कार्यक्रम प्रस्तु।त करती हैं। साथ ही परेड भी होती है।

ये भी पढ़ेंः क्या जीएसटी भी बनेगा बजट सत्र में सरकार को घेरने का हथियार

शामिल होंगे ये अतिथि

यह कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत प्रमुख गणमान्य लोगों की मौजूदगी में आयोजित किया गया। इस मौके पर तीनों सेनाओं के बैंड अपनी विशेष धुनों के साथ मार्च करते हैं और आपसी तालमेल की मिसाल पेश करते हैं। बीटिंग द रिट्रीट सेना की बैरक में वापसी का प्रतीक है।

Kargil Vijay Diwas

स्वर्णिम विजय वर्ष गीत होगा मुख्य आकर्षण

राजतंत्र में यह कार्यक्रम सूर्यास्त के वक्त युद्ध विराम या समाप्ति के मौके पर आयोजित किया जाता था। इस कार्यक्रम में सेना के प्रमुख वाद्ययंत्र बजाए जाते हैं। बैंड टुकड़ी का नेतृत्व करने वाले ग्रुप कैप्टन राष्ट्रपति के पास जाकर सेना के वापस बैरकों में जाने की अनुमति मांगता है।

ये भी पढ़ेंः गणतंत्र दिवस पर महिला कैदियों में बांटी गई खुशियां, राज्यपाल ने भेट की साड़ी

इस तरह ‘बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी’ सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। दुनियाभर में बीटिंग रिट्रीट की परंपरा रही है। लड़ाई के दौरान सेनाएं सूर्यास्त होने पर हथियार रखकर अपने कैंप में जाती थीं, तब एक संगीतमय समारोह होता था, इसे बीटिंग रिट्रीट कहा जाता है।

भारत में बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। तब भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट ने इस सेरेमनी को सेनाओं के बैंड्स के डिस्प्ले के साथ पूरा किया था। साल 2020 में ‘बीटिंग द रिट्रीट’समारोह में भारतीय धुनों पर जोर था। इस बार विजय का गीत गाया जाएगा।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story