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Manipur Horror Story: भारत की बेहद खूबसूरत उत्सव भूमि है मणिपुर, जानें इसकी खासियतें और हिंसा में जलने की पूरी कहानी
Manipur Horror Violence Story: प्राकृतिक खजाने से संपन्न खूबसूरत राज्य मणिपुर भारत का गहना है। यहां का खाना, पहनावा और दर्शनीय स्थल सबकुछ दिल को छू जाने वाले हैं। लोक नृत्य और नाटकों ने इसे उत्सव भूमि बनाया है।
Manipur Horror Violence Story: मणिपुर राज्य करीब ढाई महीने से हिंसा की आग में जल रहा है। अब तक राज्य में 120 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अब दो महिलाओं को न्यूड दौड़ाने का वीडियो सामने आया है। ऐसे में देश के लोगों का गुस्सा चरम पर है। सभी ने राज्य में हुई हिंसा को शांत कराने में सरकार को विफल बताया है। ऐसे में आज हम आपको मणिपुर की खासियतों और यहां हिंसा भड़कने की पूरी कहानी बता रहे हैं। आइये जानते हैं।
आप जितना अधिक ऐतिहासिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक खूबसूरती के बारे में सोच सकते हैं, उससे भी कही ज्यादा आकर्षित करने वाला खूबसूरत राज्य है मणिपुर। प्राकृतिक खजाने से संपन्न भारत का गहना है मणिपुर। यहां का खाना, पहनावा और दर्शनीय स्थल सबकुछ दिल को छू जाने वाले हैं। यहां के लोक नृत्य और नाटकों ने इसे भारत की उत्सव भूमि बनाया है।
जीवंत है यहां की संस्कृति
मणिपुर एक जीवंत सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाला राज्य है। यहां के लोग बेहद धार्मिक और नृत्य गायन में रूचि रखने वाले होते हैं। यहां के लोगों का धर्म भगवान राधा-कृष्ण के जीवन को दर्शाने वाले नृत्य और नाटकों पर आधारित है। यहां के महिला पुरुष बड़ी सहजता से मिलकर मणिपुर नृत्य करते हैं। मणिपुर से ही रासलीला की उत्पत्ति हुई है। डोल यात्रा, रथ यात्रा, कुट, लाइ हरोबा, चुमफा तथा दशहरा यहां के प्रमुख उत्सव हैं। मणिपुर को उत्सव की भूमि भी कहते हैं।
लुभावनी है यहां की वेशभूषा
मणिपुर का पहनावा और वेशभूषा भी पारंपरिक है, जो यहां की संस्कृति को स्पष्ट करती है। यहां लोग बहुत ही आकर्षक ड्रेस पहनते है। पुरुष सफेद कलर की धोती कुरता और सफेद पगड़ी पहनते है। वहीं, महिलाएं इंनाफी नाम की एक शोल की तरह ड्रेस पहनती है। जिसमे चारों तरफ आकर्षक रंग की बॉर्डर और बहुत ही सुन्दर डिजाइन होती है। इसके अलावा महिलाएं फेनक और स्कर्ट भी पहनती हैं।
खान-पान में भी आगे राज्य
जिन लोगों को खाना पंसद है, उन्हें एक बार मणिपुर जरूर जाना चाहिए। क्योंकि यहां के पकवान अपने स्वाद को लेकर चर्चा में रहते हैं। वैसे तो यहां लोग मछली और चावल बेहद बहुत शौक से खाते हैं। लेकिन एरोबा, चाम थोंग, पाक्रम, सिंगजु यहां वो खास व्यंजन हैं, जिनका स्वाद अन्य व्यंजनों से बिल्कुल ही अलग और मजेदार होता है।
कला-व्यापार का अलग स्थान
व्यापारिक द्रष्टि से भी मणिपुर का अपना एक अलग स्थान है। यहां हस्तकला से बेहद सुंदर आभूषण और वाटर रीड से बनी चटाइयां, शॉल, कंबल आदि चीजें बनाई जाती हैं। कलात्मक बुनाई, लकड़ी की नक्काशी यहां काफी प्रचलित है। भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक मणिपुर पर्यटन की दृष्टि से बहुत ही आकर्षक है। यहां की शांत जलवायु, हरे भरे लहलहाते वन और सुन्दर झीलें इस पर्वतीय क्षेत्र की सुन्दरता में चार चांद लगा देते है। जो यहां प्रर्यटकों को आने के लिए आकर्षित करता है। मणिपुर से ही पोलो नामक खेल की शुरुआत हुई थी। यहां के लोग इसे पोलो को “सगोल कांजेई” कहते है।
इतना खूबसूरत मणिपुर आज ढाई महीनों से हिंसा की आग में जल रहा है। आइये जानते हैं इसके पीछे की कहानी।
मणिपुर के 10 प्रतिशत हिस्से में 57 प्रतिशत मैतेई समुदाय के लोग रहते हैं। बाकी 90% हिस्से के पहाड़ी इलाकों में 43% कुकी और नगा की आबादी है। राज्य के कुल 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई हैं। मणिपुर के एक कानून के मुताबिक घाटी में बसे मैतेई समुदाय के लोग पहाड़ी इलाकों में न बस सकते हैं और न जमीन खरीद सकते हैं।
ऐसे में मैतेई समुदाय के लोग अपने अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को इस पर विचार करने को कहा था। लेकिन इसके खिलाफ 3 मई 2023 को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने 'आदिवासी एकता मार्च' निकाला गया और इसी दौरान यहां हिंसा भड़क गई थी।
10 जून को केंद्र सरकार ने मणिपुर में अलग-अलग जातीय समूहों के बीच शांति बनाने और समुदायों के बीच बातचीत शुरू करने के एक शांति समिति का गठन किया था। लेकिन कई सारे सिविल सोसायटी ग्रुप ने अलग-अलग कारणों से शांति समिति का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया था। ऐसे में अभी तक मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है।