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मिले फायदे ही फायदे: वित्तमंत्री का बड़ा ऐलान, जाने किसे क्या और कितना मिला

आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। इसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है। इसी तरह विवाद से विश्‍वास स्‍कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है।

Vidushi Mishra
Published on: 13 May 2020 12:03 PM GMT
मिले फायदे ही फायदे: वित्तमंत्री का बड़ा ऐलान, जाने किसे क्या और कितना मिला
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नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते मंगलवार को देशवासियों को संबोधित करते हुए लोगों की जिंदगियों और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया। इसके साथ पीएम मोदी ने कल ये भी कहा था कि जल्द ही आने वाले दिनों में इस पैकेज के बारे में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण विस्‍तार से जानकारी देंगी। ऐसे में वित्त मंत्री आज जानकारी दे रही हैं।

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ये दी जानकारी

आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, इनकम टैक्‍स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी गई है। इसे 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर कर दिया गया है। इसी तरह विवाद से विश्‍वास स्‍कीम की डेडलाइन को 31 दिसंबर 2020 तक कर दी गई है। पहले ये 30 जून तक के लिए था।

इसके साथ ही टैक्‍सपेयर्स को 31 मार्च 2021 तक टीडीएस कटौती में 25 फीसदी की राहत मिली है. बता दें कि सरकार टीडीएस (TDS) के जरिये टैक्स जुटाती है। टीडीएस विभिन्न तरह के आय के स्रोत पर काटा जाता है। इसमें सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि शामिल हैं।

रियल एस्टेट के मामले में एडवाइजरी जारी होगा कि सभी प्रोजेक्ट्स को मार्च से आगे 6 महीने तक का समय दिया जाएगा।

नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30,000 करोड़ की विशेष लिक्विडिटी स्कीम लाई जा रही है। इससे नकदी का संकट दूर हो जाएगा। बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए इमरजेंसी लिक्विडिटी 90,000 करोड़ रुपये दी जाएगी।

वित्त मंत्री ने दी ईपीएफ पर राहत

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि सरकार अब अगस्‍त तक कंपनी और कर्मचारियों की तरफ से 12 प्रतिशत + 12 प्रतिशत की राशि ईपीएफओ में जमा करेगी। इससे लगभग 75 लाख से ज्यादा कर्मचारियों और संस्थाओं को फायदा मिलेगा।

हालांकि इसके साथ कुछ शर्तें हैं। केंद्र सरकार की इस ऐलान का फायदा सिर्फ उन्हीं कंपनियों को मिलेगा, जिनके पास 100 से कम कर्मचारी है और 90 फीसदी कर्मचारी की सैलरी 15,000 रुपये से कम है। 15 हजार से ज्यादा सैलरी पाने वालों को इसका फायदा नहीं मिलेगा।

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एमएसएमई सेक्‍टर की परिभाषा

वित्त मंत्री ने बताया कि एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल दी गई है। इसमें निवेश की लिमिट में बदलाव किया गया है। 1 करोड़ निवेश या 10 करोड़ टर्नओवर पर सूक्ष्म उद्योग का दर्जा दिया जाएगा।

इसी प्रकार 10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर लघु उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। वहीं 20 करोड़ निवेश या 100 करोड़ टर्नओवर पर मध्यम उद्योग का दर्जा होगा। उन्होंने बताया कि मौजूदा दौर में ट्रेड फेयर संभव नहीं है।

साथ ही 200 करोड़ तक का टेंडर वैश्विक नहीं होगा। यह एमएसएमई के लिए बड़ा कदम है। इसके अलावा एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा।

वित्त मंत्री के अनुसार, 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज में से 3 लाख करोड़ एमएसएमई यानी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को जाएंगे। इनको बिना गारंटी लोन मिलेगा। इसकी समयसीमा 4 साल की होगी। इन्‍हें 12 महीने की छूट मिलेगी। ये ऑफर 31 अक्‍टूबर 2020 तक के लिए है।

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वित्त मंत्री के अनुसार, जो एमएसएमई तनाव में हैं उन्‍हें सबआर्डिनेट डेट के माध्यम से 20000 करोड़ की नकदी की व्यवस्था की जाएगी।

साथ ही एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से मदद दी जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों से जुड़े सुधार, बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन जैसे काम किए गए।

वित्त मंत्री के अनुसार, 41 करोड़ जनधन अकाउंट होल्डर्स के खाते में डीबीटी ट्रांसफर किया गया है। आगे उन्होंने बताया कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज को लेकर चर्चा में पीएम मोदी के अलावा कई विभागों और संबंधित मंत्रालय चर्चा में शामिल रहे।

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