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शाह फंसे बंगाल में: कानूनी जंग लड़नी होगी अब, देने होंगे अपने आरोपों पर जवाब
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपना रखा है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रही सियासी जंग अब कानूनी अखाड़े में भी लड़ी जाएगी। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के खिलाफ लगातार हमलावर रुख अपना रखा है।
इससे परेशान अभिषेक बनर्जी ने अब शाह को अदालती लड़ाई में खींच लिया है। इस मामले में शाह को समन भी जारी किया गया है। इस समन के बाद साफ है कि अब शाह को अभिषेक बनर्जी के खिलाफ कानूनी जंग भी लड़नी होगी।
अभिषेक ने दायर किया मानहानि का केस
हालांकि ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल के सांसद अभिषेक बनर्जी ने जिस मामले को लेकर अमित शाह के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया वह दो 2018 का मामला है। उस समय अमित शाह ने एक रैली के दौरान अभिषेक बनर्जी पर कई गंभीर आरोप लगाए थे।
11 अगस्त 2018 को भाजपा की युवा स्वाभिमान रैली में अमित शाह ने ममता के भतीजे पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए थे। इस रैली में अमित शाह ने शारदा व रोजवैली आदि घोटालों का जिक्र करते हुए अभिषेक के भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त होने का आरोप लगाया था। उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में ममता बनर्जी को भी घेरा था।
शाह पर छवि खराब करने का आरोप
इस मामले में अभिषेक बनर्जी ने एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट में अमित शाह के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है। इस केस में अमित शाह पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने इन आरोपों के जरिए उनकी छवि खराब करने की कोशिश की है। उन्होंने अमित शाह की ओर से एक और बयान का उल्लेख करते हुए मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
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इस बयान को भी बनाया आधार
इस बयान में अमित शाह ने लोगों से सवाल किया था कि मोदी जी की ओर से बंगाल के लोगों को भेजा गया पैसा आखिर कहां चला जाता है? उनका कहना था कि मोदी जी ने 359000 करोड़ रुपया भेजा मगर यह पूरा पैसा कहां चला गया।
उन्होंने सवाल किया कि क्या यह भतीजे और सिंडिकेट को गिफ्ट कर दिया गया या फिर तृणमूल कांग्रेस की भेंट चढ़ गया? मानहानि के मामले में अमित शाह के इस बयान को भी आधार बनाया गया है।
शाह को व्यक्तिगत पेशी से मिली छूट
इस केस में एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट की ओर से अमित शाह को 22 फरवरी को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है। हालांकि अदालत की ओर से में शाह को व्यक्तिगत पेशी से छूट भी दी गई है। वह अपने वकील के जरिए भी अपना पक्ष रख सकते हैं। अभिषेक बनर्जी के वकील संजय बसु ने बताया कि स्पेशल कोर्ट की ओर से अमित शाह को व्यक्तिगत या अपने वकील के जरिए 22 फरवरी को सुबह दस बजे पेश होने का आदेश दिया गया है।
शाह का ममता-अभिषेक पर तीखा हमला
हाल के दिनों में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर लगातार पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाले शाह अभी भी ममता बनर्जी और उनके भतीजे पर हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। बंगाल में परिवर्तन यात्राओं की शुरुआत के समय आयोजित रैलियों में भी उन्होंने इन दोनों पर लगातार हमले किए हैं।
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उनका यह भी आरोप है कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में अपने भतीजे के लिए सियासी जमीन तैयार करने की कोशिश में जुटी हुई हैं। उनका मकसद पश्चिम बंगाल का विकास करना नहीं बल्कि अपनी भतीजे का विकास करना है।
तीखी होती जा रही है जुबानी जंग
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तारीख से पहले ही जुबानी जंग लगातार तीखी होती जा रही है। गुरुवार को अमित शाह व ममता बनर्जी की रैलियां थी और इनमें एक-दूसरे पर तीखे वार किए गए।
ममता बनर्जी ने अपनी रैली में अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें हिम्मत है तो वह मेरे भतीजे उसी के खिलाफ चुनाव लड़ कर दिखाएं। दूसरी ओर अमित शाह ने भी तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भुलाने की खूब साजिशें रची गईं मगर वे हमेशा देशवासियों के दिलों में जिंदा रहेंगे। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग और तीखी होने के आसार हैं।
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