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पुलवामा हमला: उस मंजर को याद कर भीम सिंह को नहीं आती है नींद, चला रहे थे बस

मुरादाबाद के भीम सिंह ने इस हमले के बारे बताया कहा कि इस हमले में जम्मू रेलवे स्टेशन से श्रीनगर के लिए यह काफिला निकला था। तीसरे नंबर पर उनकी बस थी। हाइवे पर जब पहुंची तो अचानक से बस के इंजन में एयर आ जाने के कारण बस झटके देने लगी।

Shraddha Khare
Published on: 14 Feb 2021 7:20 AM GMT
पुलवामा हमला: उस मंजर को याद कर भीम सिंह को नहीं आती है नींद, चला रहे थे बस
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पुलवामा हमला: उस मंजर को याद कर भीम सिंह को नहीं आती है नींद, चला रहे थे बस photos (social media)

श्री नगर : पुलवामा हमला देश का ऐसा हमला था जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। इस हमले में देश के 40 जवान शहीद हुए थे। आपको बता दें कि इस हमले में सीआरपीएफ, बीएसएफ, सेना और अन्य पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान शहीद हुए थे। यह ऐसा दिल को दहलाने वाला मंजर 14 फरवरी 2019 को हुआ था। इस हमले को लेकर सीआरपीएफ में बस चालक के रूप में तैनात भीम सिंह ने इस मंजर से जुड़ी कुछ बातों को साझा किया।

धमाके की आवाज सुन मानों कान ही फट गया हो

मुरादाबाद के भीम सिंह ने इस हमले के बारे बताया कहा कि इस हमले में जम्मू रेलवे स्टेशन से श्रीनगर के लिए यह काफिला निकला था। तीसरे नंबर पर उनकी बस थी। हाइवे पर जब पहुंची तो अचानक से बस के इंजन में एयर आ जाने के कारण बस झटके देने लगी। बस को रोकने का आदेश नहीं था इसलिए मेरी बस इन बसों से पीछे हो गई। जिसके बाद हाइवे पर अचानक से धमाके की आवाज सुनाई दी। जैसे लगा कि कान फट जाएगा। स्टेयरिंग पर हाथ कांप गया और अपने आप ही ब्रेक लग गया।

पुलवामा हमले का लिया बदला

देश का दिल दहलाने वाला यह मंजर जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले का सेना बदला ले लिया है। इस घटना को अंजाम देने वाले आदिल, कारी यासिर, सज्जाद भट्ट, उमर फारूक, मुदसिर अहमद खान आदि सभी को मार गिराया है। भारत ने सीमापार जाकर जवानों की शहादत का बदला लिया था।

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Blackday के रूप में मनाते हैं

पुलवामा हमले का मंजर भुलाने पर भी नहीं भुला जा सकता है। इस दिन देश 40 जवानों के चिराज, कितनी महिला विधवा हुई और कितने बच्चे अपने पिता के साये से दूर हो गए। इस घटना को पूरे देश में "Blackday " के रूप में भी मनाया जाता है। यह मंजर आंखों के सामने आने पर आंख नम हो जाती है। इस घटना को दो साल हो चुके हैं।

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