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नरोत्तम मिश्रा का ऐलान, सरकार बनने पर बंगाल में भी लव जिहाद कानून लाएगी BJP
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी सरकार बनाती है, तो एमपी की तर्ज पर लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून बनाएगी।
भोपाल: वर्तमान में लव जिहाद चर्चा का विषय बना हुआ है। देश के कई बीजेपी शासित राज्यों ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाया है, तो वहीं कई राज्यों में इसकी कवायद चल रही है। अब इस बीच पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने बड़ा दांव चला है। अगर राज्य में बीजेपी की सरकार बनती है, तो यहां भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाएगी।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने घोषणा की है कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी सरकार बनाती है, तो एमपी की तर्ज पर लव जिहाद के खिलाफ धर्म स्वातंत्र्य कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जबरिया या फिर साजिश के तहत धर्म बदलवाने वालों के खिलाफ कानून लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में सत्ता में आते ही एमपी की तर्ज पर राज्य में गौ कैबिनेट भी बनाया जाएगा। राज्यों में गायों को सुरक्षा देने के लिए बड़े फैसले किए जाएंगे।
बता दें कि गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पश्चिम बंगाल में बीजेपी के प्रभारी भी हैं। पार्टी हाईकमान की तरफ से नरोत्तम मिश्रा को राज्य के आसनसोल इलाके की 48 विधानसभा सीटों का प्रभारी बनाया गया है। वह इन दिनों में राज्य में पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हो।
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कैसे आया लव जिहाद शब्द?
लव जिहाद शब्द का जिक्र साल 2009 में हुआ था। इससे पहले रोमियो जिहाद शब्द अधिक सुनने में आता था जो बाद में लव जिहाद कहा जाने लगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जाता है कि लव जिहाद शब्द साल 2009 में पहली बार प्रयोग किया गया था। रिटायर्ड जस्टिस केटी शंकरन का मानना था कि केरल के कुछ इलाकों में जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सामने आए हैं। उस समय उन्होंने केरल की सरकरा से इसके खिलाफ कानून बनाने को कहा था। लेकिन कोर्ट ने इसके साथ यह भी कहा था कि प्रेम के नाम पर, किसी को धोखे या उसकी मर्जी के बिना धर्म बदलने पर कोई मजबूर नहीं कर सकता है।
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देश में है ये कानून
भारत में दो अलग-अलग धर्म के लोगों को विशेष विवाह अधिनियम 1954, हिंदू धर्म के लोगों को हिंदू विवाह अधिनियम 1955 और मुस्लिम धर्मावलंबी मुस्लिम परंपराओं के मुताबिक शादी कर सकते हैं। लेकिन गलत नाम बताने, धर्म या आयु छिपाने, वैवाहिक जैसी स्थिति छिपाने जैसे झूठ बोलने पर भारतीय कानूनों के तहत सजा का प्रावधान किया गया है।
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भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अपहरण के मामलों में 10 साल की सजा का प्रावधान है। वैवाहिक मामलों में सामान्य तौर पर लड़की को ही कानूनी कार्रवाई के लिए अधिकृत किया गया है, हालांकि सीआरपीसी की धारा 198 के तहत परिवार वाले भी कार्रवाई की मांग कर सकते हैं।
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