बड़ा खुलासा: भारत के चमगादड़ों में मिला कोरोना वायरस का सच, जुड़े 5 राज्यों के नाम

दुनियाभर में खतरनाक कोरोना वायरस का चमगादड़ से कनेक्शन बताया गया है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये वायरस इंसानों में कैसे पहुंचा? वैसे तो इसका जवाब दुनियाभर के वैज्ञानिक खोज रहे हैं। ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों के अध्ययन में इसकी पुष्टि हुई है।

Vidushi Mishra
Published on: 15 April 2020 11:01 AM GMT
बड़ा खुलासा: भारत के चमगादड़ों में मिला कोरोना वायरस का सच, जुड़े 5 राज्यों के नाम
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यह जानते हुए कि गुफा में मौजूद चमगादड़ खतरनाक और संक्रामक साबित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों को सुरक्षा मानको को ताक पर रखकर काम करते देखा जा सकता है।

नई दिल्ली: दुनियाभर में खतरनाक कोरोना वायरस का चमगादड़ से कनेक्शन बताया गया है, लेकिन सवाल ये है कि आखिर ये वायरस इंसानों में कैसे पहुंचा? वैसे तो इसका जवाब दुनियाभर के वैज्ञानिक खोज रहे हैं। ऐसे में भारतीय वैज्ञानिकों के अध्ययन में इसकी पुष्टि हुई है। देश के 10 में से 5 राज्यों के चमगादड़ों में वायरस मिला है। चमगादड़ों की दो प्रजातियों पर अध्ययन के बाद यह खुलासा हुआ। जिसमें से दोनों प्रजाति के 586 में से 25 चमगादड़ संक्रमित मिले। हालांकि वह दुनिया में अभी फैला नोवल कोरोना वायरस यानि कोविड 19 नहीं है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, बैट कोरोना वायरस की खोज भारत में पाए जाने वाले चमगादड़ों की दो प्रजातियों में की गई है। इस वायरस को बीटीकोव भी कहते हैं। कोरोना वायरस वाली चमगादड़ की यह दो प्रजातियां देश के चार राज्यों केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में पाई गई हैं।

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कई चमगादड़ संक्रमित पाए गए

बता दें कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) का कहना है, पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) लैब में तीन साल से चमगादड़ों पर अध्ययन चल रहा था। इसी बीच, वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस को लेकर भी चमगादड़ों के नमूनों की जांच शुरू की। गले व मलाशय सैंपल की जांच में कई चमगादड़ संक्रमित पाए गए।

जिसमें से दो की आंत और गुर्दा भी संक्रमित मिले। पिछले साल केरल में निपाह वायरस भी चमगादड़ों से आया था। इसीलिए नए संक्रमण का पता लगाने के लिए उन राज्यों में लगातार निगरानी रखना जरूरी है, जहां चमगादड़ ज्यादा पाए जाते हैं।

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ऐसे में चमगादड़ों की एक प्रजाति के लिए केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, ओडिशा, पुड्डुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना से 508 नमूने लिए गए। दूसरी प्रजाति के 78 चमगादड़ों के नमूने केरल, कर्नाटक, चंडीगढ़, गुजरात, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना से लिए गए। इस दौरान 12 की मौत हो गई थी।

संक्रमण पर रिसर्च अभी चल रही

इस मामले में वैज्ञानिक डॉ. आर बाला सुब्रह्मण्यम का कहना है कि केरल के चमगादड़ों को अध्ययन में शामिल किया गया था। पुणे में इनकी टेस्टिंग के बाद कोरोना वायरस की पुष्टि हुई। कुछ समय पहले निपाह वायरस भी चमगादड़ों से ही आया था।

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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के भारतीय शोध पत्र में प्रकाशित इस शोध में दावा किया गया है कि इस बात के कोई साक्ष्य या शोध मौजूद नहीं कि चमगादड़ में पाया जाने वाला यह वायरस इंसानों को संक्रमित कर सकता है।

शोधकर्ता और पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआइवी) की वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा डी. यादव के अनुसार केरल, हिमाचल प्रदेश, पुडुचेरी और तमिलनाडु में रोसेटस और पेरोपस नामक प्रजाति के 25 चमगादड़ों में कोरोना के वायरस पाए गए हैं।

वैज्ञानिक डॉ. प्रज्ञा डी. यादव ने कहा कि भारतीय चमगादड़ों में पाए गए इस कोरोना वायरस का सार्स या कोविड-19 के संक्रमण से कोई लेना-देना नहीं है। यादव ने बताया कि वर्ष 2018-19 में केरल में चमगादड़ की पेरोपस नाम की प्रजाति में निपाह वायरस भी पाया गया था।

उन्होंने बताया कि चमगादड़ स्वाभाविक रूप से कई प्रकार के वायरस का घर होते हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में बदलते परिवेश और प्रकृति के बदलावों में चमगादड़ों का अन्य जीवों और इंसानों से संपर्क संभव है।

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