चमकी बुखार से 120 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मंगल पांडेय पर केस

मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी की ओर से दायर इस मुकदमे में 24 जून को सुनवाई होगी।

Dharmendra kumar
Published on: 17 Jun 2019 12:11 PM GMT
चमकी बुखार से 120 बच्चों की मौत, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन और मंगल पांडेय पर केस
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पटना: बिहार में चमकी बुखार (एईएस) की वजह से 120 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। चमकी बुखार के प्रकोप को लेकर कहा जा रहा है कि यह मुख्य रूप से लोगों में जागरुकता नहीं होने की वजह से तेजी से फैला है। इस बीच, मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है। सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी की ओर से दायर इस मुकदमे में 24 जून को सुनवाई होगी।

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दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का दौरा किया था, जहां पिछले एक पखवाड़े में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के साथ हर्षवर्धन ने राज्य के स्वामित्व वाले श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि मंत्रियों ने स्थिति का जायजा लेने के लिए डॉक्टरों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की थी।

दायर मुकदमा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा जागरुकता अभियान के लिए कुछ भी नहीं किया गया। इस वजह से बिहार में सैकड़ों मासूमों की जान गई है। अगर लोग इस बीमारी के प्रति जागरुक होते तो सैकड़ों परिवार के मासूमों की जान बच सकती थी।

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बहरहाल, मोतिहारी में एसकेएमसीएच और निजी केजरीवाल अस्पताल में एईएस के लक्षणों के साथ नए मामलों का सामने आना जारी है। चमकी बुखार से पीड़ित मासूमों की सबसे ज्यादा मौतें मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में हुई है। चमकी बुखार के रोकथाम को लेकर अब तक जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वो स्थिति को देखते हुए नाकाम साबित हो रहे हैं।

Dharmendra kumar

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