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अभी-अभी बड़ा ऐलान: मजदूरों पर रेलवे ने लिया फैसला, ख़त्म हुई परेशानी
कोरना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था जिसकी वजह से काफी मजदूर फंसे रह गए थे अब इन फंसे मजदूरों की घर वापसी हो रही है, वहीं रेल किराया चुकाने को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी भी चरम पर है।
नई दिल्ली: कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉक डाउन के तीसरे फेज की आज से शुरुआत हो गयी है जो 17 मई तक लागू रहेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आज 4 मई से लॉकडाउन के नियमों में कुछ छूट भी दी गई है। इस बीच देश के अलग-अलग राज्यों में रह रहे प्रवासी मजदूरों को बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक पहुंचाने के लिए ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं।
रेल किराया चुकाने को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी
कोरना के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया था जिसकी वजह से काफी मजदूर फंसे रह गए थे अब इन फंसे मजदूरों की घर वापसी हो रही है, वहीं रेल किराया चुकाने को लेकर राजनीतिक दलों की बयानबाजी भी चरम पर है।
बता दें कि इन बयानों के मुताबिक बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने मजदूरों का रेल किराया चुकाने का ऐलान कर दिया है। मजदूरों से किराया लेने के आरोपों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तो किराये के साथ-साथ अलग से पैसे देने की भी घोषणा कर दी है।
मजदूरों को किराया और पैसे भी देगी बिहार सरकार
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रेल किराया विवाद के सामने आने के बाद आज ऐलान किया है कि बाहर से आने वाले छात्रों और मजदूरों का किराया राज्य सरकार वहन करेगी। आज जारी एक वीडियो संदेश में नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के दौरान स्पेशल ट्रेन चलाने का स्वागत करते हुए कहा, 'हमने पहले ही कहा था कि ट्रेन से ही आने पर बाहर से फंसे लोगों की समस्या का समाधान हो सकता है।'
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सीएम नीतीश ने साफ किया कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, वो जिस स्टेशन पर आएंगे वहां से उन्हें प्रखंड मुख्यालय तक ले जाया जाएगा। सीएम ने कहा कि जब मजदूर या बाहर से आए लोग 21 दिन बाद क्वारंटाइन सेंटर से निकलेंगे तो खर्च के अलावा 500 रुपए जिसके लिए न्यूनतम 1000 रूपए की राशि तय की गई है, दी जाएगी।
स्पेशल ट्रेन से आने वालों का किराया देगी शिवराज सिंह चौहान की सरकार
मध्य प्रदेश सरकार ने भी मजदूरों का किराया देने का ऐलान कर दिया है। प्रवासी मजदूरों को लाने वाली ट्रेने चलाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने रेल मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है। इसको लेकर सरकार ने साफ कर दिया है कि इन ट्रेनों में सफर करने वाले मजदूरों का किराया सरकार चुकाएगी।
लेकिन इन ट्रेन में सफर करने के लिए मजदूरों को पहले से अपना नाम लिखवाना होगा। इसके लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। मध्य प्रदेश के प्रवासी मजदूर 0755-2411180 फोन नंबर पर कॉल कर अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं।
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छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश ने मजदूरों का खर्च उठाने का किया ऐलान
लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी और उनका रेल किराया चुकाने की दो राज्य सरकारों की घोषणाओं के बाद छत्तीसगढ़ सरकार भी आगे आई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की घोषणा के बाद ट्वीट कर प्रवासी मजदूरों का खर्च उठाने का ऐलान किया। सीएम बघेल ने अपने ट्वीट में कहा कि मजदूरों के लौटने का खर्च देने की घोषणा कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने की है।
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कोटा से जैसे हम बच्चों को लाए हैं, आगे भी शासन और कांग्रेस मिलकर मजदूरों को वापस लाएंगे। सीएम बघेल के इस ट्वीट के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नेता शैलेश नितिन त्रिवेदी ने भी कहा कि कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार की मदद से प्रवासी मजदूरों के लौटने का किराया वहन करेगी। इधर, सीएम के निर्देश पर राज्य के परिवहन आयुक्त डॉ। कमलप्रीत सिंह ने रायपुर के डिविजनल रेलवे मैनेजर एवं नोडल अधिकारी को इस बाबत पत्र लिखा है। साथ ही जरूरी कार्रवाई करने को कहा है।