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अभी-अभी दर्दनाक हादसा: नौ लोगों की चली गई जान, परिवार में पसरा मातम

ऑटोरिक्शा में सवार लोग औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के बालूगंज से तिलक समारोह में शामिल होने के बाद अपने गांव आमस थाना क्षेत्र के रेंगनिया लौट रहे थे। तभी बिशुनपुर गांव के निकट तेज गति से एक ट्रक ने दोनों ऑटोरिक्शा को कुचल दिया।

SK Gautam
Published on: 15 Jun 2020 4:33 PM IST
अभी-अभी दर्दनाक हादसा: नौ लोगों की चली गई जान, परिवार में पसरा मातम
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बिहार: ट्रक और दो ऑटोरिक्शा के बीच भीषण टक्कर होने के कारण मौके पर ही नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 4 अन्य यात्री घायल हो गए। यह घटना बिहार के गया जिले के आमस थाना अंतर्गत बिशुनगंज गांव के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 पर हुआ है। मौके पर पुलिस बल पहुंचकर बचाव और राहत कार्य कर रही है।

मरने वालों में चार बच्चे भी शामिल

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने बताया कि ट्रक और दो ऑटो के बीच भीषण टक्कर में ऑटो में सवार नौ लोगों की मौत हो गई जबकि 4 अन्य यात्री घायल हो गए। उन्होंने यह भी बताया कि मरने वालों में चार बच्चे भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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तिलक समारोह में शामिल होने के बाद वापस लौटते हुए हुआ हादसा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों ऑटोरिक्शा में सवार लोग औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड के बालूगंज से तिलक समारोह में शामिल होने के बाद अपने गांव आमस थाना क्षेत्र के रेंगनिया लौट रहे थे। तभी बिशुनपुर गांव के निकट तेज गति से एक ट्रक ने दोनों ऑटोरिक्शा को कुचल दिया।

सवाल है, इतने सड़क हादसे क्यों होते हैं।

भारत में सबसे ज़्यादा लोग चलते-चलते मारे जाते हैं। वे ठीकठाक घर से निकलते हैं- सब्ज़ी लेने के लिए, स्कूल जाने के लिए, दफ़्तर जाने के लिए, कहीं घूमने के लिए- मगर कभी कुचल दिए जाते हैं, कभी अपनी ही हड़बड़ाई हुई रफ़्तार के शिकार हो जाते हैं और कभी किसी गाड़ीवाले- कारवाले, बस वाले की जल्दबाज़ी में किसी खड्ड में जा गिरते हैं।

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कुछ जवाब बेहद जाने-पहचाने हैं। हमारे यहां सड़क-परिवहन का हाल बहुत बुरा है। न क़ायदे की सड़कें हैं न उन पर ट्रैफिक के नियम लागू होते हैं। सड़कों पर पर्याप्त डिवाइडर नहीं हैं, पूरी रोशनी नहीं है, रेड लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है, ड्राइवरों के समुचित प्रशिक्षण की व्यवस्था नहीं है, ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए नियम बड़ी आसानी से तोड़े जाते हैं, ट्रक ड्राइवरों को बहुत ही लंबी और थका देने वाली ड्यूटी करनी पड़ती है और वे कभी नींद में और कभी हड़बड़ी में हादसे के शिकार हो जाते हैं।



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