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बिहार की राजनीति में भूचाल: मुश्किल में लालू की RJD, अब राबड़ी को लगेगा ये झटका
बिहार विधानसभा और विधान परिषद चुनाव से पहले राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को बड़ा झटका लगा है। राजद के पांच विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ कर जदयू का दामन थाम लिया। वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर नाराजगी दर्ज कराते हुए अल्टीमेटम दे दिया है।
पटना बिहार विधानसभा और विधान परिषद चुनाव से पहले राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को बड़ा झटका लगा है। राजद के पांच विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ कर जदयू का दामन थाम लिया। वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर नाराजगी दर्ज कराते हुए अल्टीमेटम दे दिया है। आरजेडी के 5 विधान पार्षदों के पार्टी से इस्तीफा देकर जेडीयू में शामिल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के लिए अपना पद बचा मुश्किल है। बिहार विधान परिषद में आरजेडी की संख्या 8 थी जो अब घटकर 3 पर आ गई है।
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राबड़ी के लिए मुश्किल
बता दें कि 6 जुलाई को बिहार विधान परिषद के खाली हुए 9 सीटों के लिए चुनाव होना है। 9 सीटों पर होने वाले चुनाव में जेडीयू और आरजेडी को 3 - 3, बीजेपी को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलनी तय है। ऐसा कहा जा रहा है कि राबड़ी देवी के लिए नेता प्रतिपक्ष का पद जाना लगभग तय है अब आरजेडी के 5 विधान पार्षदों ने इस्तीफा देकर जेडीयू का दामन थाम लिया। इन नेताओं ने इस कदम के पीछे तेजस्वी यादव को वजह बताया।
वंशवाद की राजनीति
इस पर विधान पार्षद और आरजेडी नेता दिलीप राय ने कहा कि तेजस्वी यादव पार्टी मनमाने तरीके से चला रहे हैं और पार्टी नेताओं की कोई राय नहीं ली जाती है। आने वाले दिनों में दावा किया है कि आने वाले समय में आधे से ज्यादा विधायक पार्टी छोड़ देंगे। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के नाम संजय प्रसाद, कमरे आलम, राधाचरण सेठ, रणविजय सिंह और दिलीप राय हैं। पांचों नेता अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हो गए हैं। इन सभी का कहना है कि वे वंशवाद की राजनीति और तेजस्वी यादव के नेतृत्व से असंतुष्ट थे।
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पार्टी में टूट का असर भले ही विधान परिषद चुनाव पर असर न पड़े, लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के लिए यह बड़ा राजनीतिक नुकसान साबित हो सकता है।
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