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उजाड़ दी फसलें: हताश किसानों का आक्रोश, आखिर कृषि सुधारों से फायदा किसको
राकेश टिकैत की किसानों से उनकी खड़ी फसल का त्याग करने के लिए तैयार रहने की अपील पर बिजनौर में एक किसान ने लगभग आधी गेहूं की फसल नष्ट कर दी।
रामकृष्ण वाजपेयी
हालात से उपजी हताशा किसानों को आत्मघाती कदमों की ओर ढकेल रही है, जिसमें भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की किसानों से उनकी खड़ी फसल का त्याग करने के लिए तैयार रहने की अपील पर बिजनौर में एक किसान ने शनिवार सुबह लगभग आधी गेहूं की फसल नष्ट कर दी। इसके बाद टिकैत को यह कहना पड़ा है कि उनकी अपील को शाब्दिक रूप से नहीं लिया जाना चाहिए।
बिजनौर में एक किसान ने कर दी आधी गेहूं की फसल नष्ट
दिल्ली में धरना दे रहे किसानों को आंदोलन चलाते हुए धीरे धीरे तीन महीने पूरे होने जा रहे हैं लेकिन मामला जहां का तहां है। सरकार के साथ कई दौर की वार्ता के बावजूद किसानों की एक भी मांग पूरी होने की स्थिति नहीं बनी।
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अंततः वार्ता उस जगह आकर थम गई जहां दोनों पक्षों में से कोई भी अपने स्टैंड से पीछे हटने को तैयार नहीं है। 20 जनवरी के बाद वार्ता स्थगित है। 26 जनवरी की हिंसा में 200 किसानों की तलाश है।
किसानों का आंदोलन चरम पर
आंदोलन को जिंदा रखने के लिए किसान रैली, प्रदर्शन, सड़क जाम, रेल रोको और महापंचायतों के बीच झूल रहे हैं। इस पर कोविड के नए स्ट्रेन और कोरोना के मामले बढ़ना शुरू हो जाने का भी आंदोलन की धार पर असर पड़ा है।
बदले हालात में अहम सवाल यह है कि किसान अपना विरोध जताने के लिए अब क्या करेंगे। कैसे आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे। बढ़ते आक्रोश से उपज रही हताशा, कुछ न कर पाने की खीझ में यदि दूसरे किसानों ने भी अपनी फसलें उजाड़ना शुरू कर दिया तो क्या होगा। इन हालात में कृषि सुधार कानूनों का जो लाभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों को दिलाना चाहते हैं उसका क्या होगा।
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28 फरवरी को मेरठ में विशाल किसान पंचायत
हालांकि किसानों को एकजुट रखने के लिए आंदोलनरत किसानों ने 23 फरवरी से 27 फरवरी के बीच कार्यक्रमों की एक श्रंखला घोषित की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि 28 फरवरी को मेरठ में विशाल किसान पंचायत होगी जहां तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा होगी और सरकार से इन्हें वापस लेने के लिए अपील की जाएगी। केजरीवाल ने कहा है कि तीनों काले कानून किसानों के लिए डेथ वारंट की तरह हैं। यदि इन कानूनों पर अमल हुआ तो खेती कुछ कारपोरेट घरानों तक सिमट जाएगी।
मांगें पूरी न होने तक दिल्ली सीमा पर जारी रहेगा किसान आंदोलन
राष्ट्रीय जाट महासंघ के नेता रोहित जाखड़ ने भी कहा है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होगी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन जारी रहेगा। हम आंदोलन को गांवों तक ले जाएंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम पश्चिम बंगाल सहित पूरे देश का दौरा करेंगे। बंगाल का किसान भी पीड़ित है और उसे फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है।
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किसान 23 फरवरी को पगड़ी संभाल दिवस मनाएंगे और पूरे देश में सभी महिला पुरुषों से उस दिन किसी भी कलर की पगड़ी पहनने की अपील की जाएगी। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि रेल रोको आंदोलन के दौरान भी तमाम किसानों को पकड़ा गया है उन पर फर्जी मुकदमे लगाए गए हैं लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा।