बर्ड फ्लू से सावधान: जानें इसके लक्षण, ऐसे करें बचाव, वरना जाएगी जान

बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है।

SK Gautam
Published on: 6 Jan 2021 3:19 PM GMT
बर्ड फ्लू से सावधान: जानें इसके लक्षण, ऐसे करें बचाव, वरना जाएगी जान
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बर्ड फ्लू से सावधान: जानें इसके लक्षण, ऐसे करें बचाव, वरना जाएगी जान

नई दिल्ली: एक तरफ कोरोना महामारी के खिलाफ देश के लोगों की जंग जारी है, ऐसे में अब एक नया संकट बर्ड फ्लू के नाम से आ गया है। राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के साथ ही केरल बर्ड फ्लू की चपेट में आ गया है। बर्ड फ्लू के कारण सैकड़ों पक्षियों की मौत हो गई है। राज्य सरकारों ने अलर्ट जारी कर है। उधर, बिहार, झारखंड व उत्तराखंड में राज्य सरकारों ने सतर्कता बरतते हुए अलर्ट जारी किया है। एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस से होने वाली इस बीमारी से पक्षी ही नहीं मनुष्य भी प्रभावित हो सकते हैं।

बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं

बता दें कि बर्ड फ्लू , एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है। इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए कई राज्यों में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया है। बर्ड फ्लू कई तरह के होते हैं लेकिन H5N1 पहला ऐसा एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस है जो इंसानों को संक्रमित करता है।

Bird Flu Precautions-2

बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों से ज्यादा फैलता है

बर्ड फ्लू प्रवासी जलीय पक्षियों खासतौर से जंगली बतख से प्राकृतिक रूप से फैलता है। ये पालतू मुर्गियों में आसानी से फैल जाता है। ये बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से होती है।

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अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले होते हैं बर्ड फ्लू कण शिकार

संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और इंसान इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं। ये वायरस इतना खतरनाक होता है कि इससे मौत भी हो सकती है। इसके फैलने का सबसे ज्यादा खतरा मुर्गीपालन से जुड़े लोगों को होता है। इसके अलावा संक्रमित जगहों पर जाने वाले, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को भी बर्ड फ्लू हो सकता है।

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बर्ड फ्लू के लक्षण

बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचैनी, आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपको बर्ड फ्लू हो सकता है तो किसी और के संपर्क में आने से पहले डॉक्टर को दिखाएं।

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Bird Flu Precautions-4

कैसे करें बचाव

1-बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां रखनी जरूरी है। अपने हाथों को 15 सेकेंड तक धोएं. हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखें. हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज करें।

2-संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम कर रहे लोगों के संपर्क में आने से बचें। पोल्ट्री फार्म में काम करने या जाने वाले लोगों को पीपीई किट पहन कर जाना चाहिए। डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद इन्हें नष्ट कर दें।

3-पूरे बाजू के कपड़े पहनें और अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें। छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से कवर करें। सांस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनें।

4-इस्तेमाल के बाद टिश्यू पेपर को डस्टबिन में डालें। अगर आप बीमार हैं तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। बर्ड फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं है इसलिए बचाव के लिए फ्लू की वैक्सीन भी लगवा सकते हैं।

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