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जन्मदिन विशेष: सत्य साईं बाबा जिन्होंने तमाम चमत्कारों से सबको किया हैरान
दुनिया के 168 देशों में उनके भक्त फैले हुए हैं जो उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। उनके बहुत से भक्त उन्हें शिरडी के साईं बाबा का अवतार भी मानते रहे हैं। उन्होंने 24 अप्रैल 2011 को संसार को अलविदा कहा था।
लखनऊ: अपने चमत्कारों की वजह से खास पहचान रखने वाले श्री सत्य साईं बाबा का जन्म 1926 में आज ही के दिन हुआ था। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई ऐसे चमत्कार किए थे जिनसे प्रभावित होकर काफी संख्या में लोग उन्हें अपना गुरु मानने लगे थे। देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सत्य साईं बाबा में आस्था रखने वालों की कमी नहीं है।
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दुनिया के 168 देशों में उनके भक्त फैले हुए हैं जो उन्हें भगवान की तरह पूजते हैं। उनके बहुत से भक्त उन्हें शिरडी के साईं बाबा का अवतार भी मानते रहे हैं। उन्होंने 24 अप्रैल 2011 को संसार को अलविदा कहा था।
खुद को शिरडी के साईं का अवतार बताया
बचपन में उनका नाम सत्यनारायण राजू रखा गया था और कहा जाता है कि उनके जन्म के साथ ही घर में पड़े सभी वाद्य यंत्र अपने आप बनाने लगे थे।
कहा जाता है कि आठ साल की छोटी सी उम्र में ही वे सुंदर भजनों की रचना करने लगे थे। 14 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने अवतार होने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि मैं शिव शक्ति स्वरूप, शिरडी साईं का अवतार हूं।
मानव सेवा के लिए समर्पित जीवन
कहा जाता है कि 13 वर्ष की उम्र में उन्हें एक बिच्छू ने डंक मार दिया था जिसके कारण वे कोमा में चले गए थे। होश में आने पर उनके व्यवहार में काफी परिवर्तन दिखा और उन्होंने संस्कृत में गाना शुरू कर दिया। हर कोई उन्हें देख कर हैरान हो गया। इसके बाद उन्होंने अपना सारा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया।
बाबा दिखाया करते थे कई चमत्कार
बाबा के चमत्कारों के बारे में कई बातें बताई जाती हैं। वे अपने भक्तों के बीच महाशिवरात्रि के मौके पर मुंह से शिवलिंग निकालना, हथेली से अंगूठी या सोने की चैन प्रकट करना और भभूति प्रकट करना आदि बहुत से चमत्कार दिखाया करते थे।
भक्तों के बीच उनके बारे में यह भी चर्चा थी कि चंद्रमा में बाबा का अक्स दिखाई दिया था। हालांकि उनके चमत्कारों को लेकर बाद में विवाद भी पैदा हुए और उनके चमत्कारों को हाथ की सफाई भी बताया गया।
Sathya Sai Baba (Photo by social media)
भक्त इस रूप में भी करते हैं पूजा
बहुत ही भक्तों के मुताबिक बाबा अर्धनारीश्वर के रूप थे और साईं भक्तों के घरों में उनके चरणों के चित्र की पूजा की जाती है। इनमें एक चरण पुरुष का और दूसरा नारी के समान दिखता है। बहुत से भक्तों का यह भी कहना है कि अपने घरों में मांगलिक कार्य के दौरान उन्हें बाबा की आत्मिक उपस्थिति का एहसास भी हुआ।
मानव सेवा से जुड़े कई काम
अपने जीवनकाल के दौरान सत्य साईं बाबा ने मानव सेवा से जुड़े हुए कामों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। शिक्षा संस्थान खोलने और अस्पताल बनाने की भी पहल की। प्रशांति निलयम में सत्य साईं का विश्वस्तरीय अस्पताल और रिसर्च सेंटर है जो कि लगभग 200 एकड़ भूमि में फैला हुआ है।
220 बिस्तर वाले इस अस्पताल में निशुल्क सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। बंगलुरु में भी श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट आफ हायर मेडिकल साइंस में भी गरीबों को इलाज उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों के भी कई प्रसिद्ध चिकित्सक बाबा के अस्पतालों में निशुल्क सेवाएं देते हैं।
बाबा के आध्यात्मिक संदेशों का प्रचार
देश में कई साईं संगठन में काम कर रहे हैं जिनके जरिए भक्त बाबा के आध्यात्मिक संदेशों का प्रचार करने में जुटे हुए हैं। बाबा के भक्त उन्हें शिरडी के साईं बाबा का अवतार मानते थे। सत्य साईं बाबा भक्तों के बीच अपने प्रवचनों में कहा करते थे कि मैं देह स्वरूप नहीं हूं बल्कि महात्मा स्वरूप हूं। मुझे देह स्वरूप मानने की भूल न करो। उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि उनके अगले अवतार प्रेमा सहाय का जन्म 2024 में होगा।
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देश-विदेश में विशाल साम्राज्य
सत्य साईं बाबा का देश-विदेश में विशाल साम्राज्य स्थापित है। उन्होंने लगभग 178 देशों में धर्म प्रचार के लिए केंद्र बनाए। उन्होंने अपने जीवनकाल में जनमानस को संदेश दिया कि आपस में सब लोगों को प्रेम करना चाहिए। उन्होंने सबकी सहायता करने और किसी का बुरा न करने का भी संदेश दिया था।
रिपोर्ट- अंशुमान तिवारी
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