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मुगल शासक हुमायूं: 23 साल की उम्र में बैठा सिंहासन पर, जानें पूरा इतिहास

मुगल शासक हुमायूं का जन्म आज ही के दिन यानी 6 मार्च, 1508 ई में हुआ और 29 दिसम्बर 1530 ई में आगरा में 23 साल की उम्र में सिंहासन पर बैठा। पहले मुगल बाबर के बेटे नसीरुद्दीन हुमायूं का मुगल साम्राज्य की नींव में काफी योगदान है।

Ashiki
Published on: 6 March 2021 6:52 AM GMT
मुगल शासक हुमायूं: 23 साल की उम्र में बैठा सिंहासन पर, जानें पूरा इतिहास
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मुगल शासक हुमायूं: 23 साल की उम्र में बैठा सिंहासन पर, जानें पूरा इतिहास

लखनऊ: हुमायूं एक मुगल शासक था। उसका पूरा नाम नसीरूद्दीन हुमायूं था। मुगल शासक हुमायूं का जन्म आज ही के दिन यानी 6 मार्च, 1508 ई में हुआ और 29 दिसम्बर 1530 ई में आगरा में 23 साल की उम्र में सिंहासन पर बैठा। पहले मुगल बाबर के बेटे नसीरुद्दीन हुमायूं का मुगल साम्राज्य की नींव में काफी योगदान है। बाबर के 4 बेटे थे जिसमें हुमायूं सबसे बड़ा था। बाबर ने हुमायूं को अपना उत्तराधिरी नियुक्त किया था।

बाबर की मृत्यु के बाद संभाली राजगद्दी

बाबर की मृत्यु के बाद 30 दिसंबर 1530 को हुमायूं का राज्याभिषेक किया गया। हुमायूं भारत की राजगद्दी संभाली और राज्य का बंटवारा अपने भाइयों के बीच कर दिया, उसके सौतेले भाई कामरान मिर्ज़ा ने काबुल और लाहौर का शासन ले लिया। कहा जाता है कि कामरान आगे जाकर हुमायूं के कड़े प्रतिद्वंदी बने। हुमायूं का शासन अफ़गानिस्तान, पाकिस्तान और उत्तर भारत के हिस्सों में रहा।

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1533 ई में हुमायूं ने दीनपनाह नाम के एक नए नगर की स्थापना की। चौसा का युद्ध भारतीय इतिहास में लड़े गये महत्त्वपूर्ण युद्धों में से एक है, जो 26 जून, 1539 ई. को हुमायूं और शेरशाह के बीच 'चौसा' जगह पर लड़ा गया था। चौसा के युद्ध में हुमायूं ने कुछ गलतियां की और हार गया। हुमायूं युद्ध क्षेत्र से भाग निकला और कहा जाता है कि एक भिश्ती का सहारा लेकर किसी तरह गंगा नदी पार करके उसने अपनी जान बचाई।

बिलग्राम का युद्ध हुमायूं और सूर साम्राज्य के संस्थापक शेरशाह के बीच हुआ था। यह युद्ध 1540 ई. में लड़ा गया था। बिलग्राम का युद्ध जीतने के बाद शेरशाह ने हुमायूं भारत छोड़ने के लिए विवश कर दिया था। बिलग्राम युद्ध के बाद अकबर सिंध चला गया जहां उसने उसने निर्वासित जीवन जिया। निर्वासन के समय हुमायूं ने हिंदाल के आध्यात्मिक गुरू फारसवासी शिया, मीर बाबा दोस्त उर्फ मीर अली अकबर जामी की बेटी हमीदा बानू बेगम से 29 अगस्त 1541 ई में निकाह हुआ।

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हुमायूं की मृत्यु

27 जनवरी,1556 को दिल्ली के किले दीनपनाह के शेरमंडल नामक पुस्तकालय की सीढ़ी से गिरकर हुमायूं की मृत्यु हो गई। हुमायूं को दिल्ली में ही दफनाया गया। दिल्ली में यमुना नदी के किनारे 1535 ई में हुमायूं ने ही दीन- पनाह नामक नए शहर की स्थापना की थी। हुमायूं की मृत्यु के बाद 1556 में उसका बेटा अकबर मुगल साम्राज्य का सम्राट बना।

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