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BJP पर भड़के किसान: नेताओं ने दिए ऐसे विवादित बयान, आंदोलन को उकसाया
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। किसानों के इस आंदोलन पर बीजेपी के कई नेता विवादित टिप्पणी कर चुके हैं, जिसने किसानों की नाराजगी को बढ़ावा देने का काम किया है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर अभी भी किसानों का आंदोलन (Kisan Aandolan) जारी है। इस बीच 20 दिनों से कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान सरकार संग दोबारा बातचीत करने को तैयार हो गए हैं। बता दें कि अब तक दोनों पक्षों के बीच कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन बात बनती नहीं दिखाई दी। हालांकि एक बार फिर से दोनों पक्ष वार्ता करेंगे।
बीजेपी की वो टिप्पणी, जिससे किसान हुए नाराज
बता दें कि 20 से जारी किसानों के आंदोलन पर कई तरह की बयानबाजी की गई। भारतीय जनता पार्टी के नातओं ने भी ऐसे बयान दिए हैं, जिसने किसानों की नाराजगी को और बढ़ाने का काम किया है। अभी हाल ही में मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार में कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रदर्शन करने रहे किसानों संगठनों पर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने संगठनों को 'कुकुरमुत्ता' कहकर संबोधित किया है।
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किसानों संगठनों को कहा 'कुकुरमुत्ता'
कल यानी सोमवार को कमल पटेल ने उज्जैन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि ये किसान संगठन 'कुकुरमु्त्तों' की तरह उग आए हैं। ये किसान नहीं हैं, बल्कि व्हीलर डीलर और एंटी नेशनल हैं। उनके इस बयान के बाद किसानों में नाराजगी साफ देखी जा रही है। लेकिन बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब किसी बीजेपी नेता की तरफ से ऐसा बयान दिया गया हो, इससे पहले भी कई बीजेपी नेता ने विवादित टिप्पणी की है।
(फोटो- सोशल मीडिया)
आंदोलन में 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के लोग
अभी हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महासचिव अरुण सिंह (Arun Singh) ने राजस्थान के जयपुर में कहा था कि किसान आंदोलन (Kisan Aandolan) में एक फीसदी भी किसान नहीं हैं। किसान भोले भाले हैं, लेकिन इनमें 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के लोग घुस गए हैं। जिनके बारे में बात करना जरूरी है। बता दें कि अरुण सिंह जयपुर में हुई पार्टी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे।
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पीयूष गोयल ने की थी ये टिप्पणी
इसके अलावा केंद्र में मोदी सरकार के मंत्री भी आंदोलन को लेकर विवादित बयान दे चुके हैं। किसान संगठनों के साथ बैठक करने वाले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा कि अब ये आंदोलन किसानों का नहीं रह गया है, क्योंकि इसमें वामपंथी और माओवादी तत्व शामिल हो गए हैं। गोयल ने कहा था कि इस आंदोलन के माध्यम से राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए सजा काट रहे लोगों की रिहाई की मांग की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री रानासाहेब दानवे ने भी आंदोलन को लेकर टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि देश में जो किसान आंदोलन हो रहा है, उसके पीछे चीन और पाकिस्तान का हाथ है। केवल इतना ही नहीं आंदोलन के साथ आतंकवाद और खालिस्तान का दाग भी लगाया जा रहा है, जिसके चलते किसानों में नाराजगी देखी जा रही है।
लगातार किसान आंदोलन पर सवाल उठा रही है बीजेपी
बीजेपी का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल और लेफ्ट संगठनों ने किसानों के आंदोलन को हाईजैक कर लिया है और हिंसा करने के लिए उन्हें भड़काया जा रहा है। बता दें कि हाल ही में आंदोलन के बीच किसानों ने अपने हाथों में शरजील इमाम, उमर खालिद समेत कुछ ऐसे एक्टिविस्टों की तस्वीरें ली हुई थीं, जो कि इस वक्त जेल में बंद हैं। आंदोलन में इनकी रिहाई की मांग की गई थी, जिसके बाद से ही बीजेपी लगातार किसान आंदोलन पर सवाल उठा रही है।
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