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Opposition Meeting: दूल्हा तय होने से पहले फूफा लोग नाराज, बेंगलुरु बैठक को लेकर नीतीश कुमार और लालू पर भाजपा ने कसा तंज
Opposition Meeting Update:बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विपक्षी मोर्चे का संयोजक बनने का सपना पाल रखा था मगर उनकी यह मुराद पूरी नहीं हो सकी। इसी कारण नाराजगी में वे प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही बैठक से निकल गए।
Opposition Meeting Update: 2024 की सियासी जंग में विपक्षी एकजुटता के लिए बेंगलुरु में विपक्ष के नेताओं की दो दिनों तक चली बैठक के बाद भाजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव पर तंज कसा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने तंज कसते हुए कहा कि अभी विपक्ष का दूल्हा तय नहीं हुआ है मगर उससे पहले ही फूफा लोग नाराज हो गए।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने विपक्षी मोर्चे का संयोजक बनने का सपना पाल रखा था मगर उनकी यह मुराद पूरी नहीं हो सकी। इसी कारण नाराजगी में वे प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले ही बैठक से निकल गए। दरअसल नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव विपक्षी नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मौजूद नहीं थे जिसे लेकर भाजपा ने घेराबंदी शुरू कर दी है।
नीतीश को संयोजक बनाने की घोषणा नहीं
जानकार सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया रखे जाने से सहमत नहीं थे। पटना बैठक के दौरान विपक्ष की अगली बैठक में मोर्चे का संयोजक तय होने की बात कही गई थी मगर बेंगलुरु बैठक के दौरान इस बाबत भी कोई घोषणा नहीं की गई। पटना में गत 23 जून को हुई विपक्ष की बैठक के समय से ही नीतीश कुमार को विपक्षी गठबंधन का संयोजक बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। बेंगलुरु बैठक में जदयू की यह उम्मीद पूरी होने की आशा थी मगर इसे मुंबई में होने वाली अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया।
बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की नामौजूदगी को लेकर अब सवाल उठाए जाने लगे हैं। मजे की बात यह है कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव बैठक के तुरंत बाद पटना के लिए रवाना हो गए और पटना पहुंच कर भी उन्होंने विपक्ष की बैठक के संबंध में कोई बयान नहीं दिया है। दोनों नेताओं की चुप्पी से नाराजगी की कयासबाजी को और बल मिला है।
दूल्हा तय होने से पहले फूफा लोग नाराज
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव की चुप्पी ने भाजपा को तंज कसने का बड़ा मौका दे दिया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने नीतीश और लालू को लेकर गहरा तंज कसा है। चौबे ने अपने ट्वीट में कहा कि सुने हैं कि बिहार के महागठबंधन के बड़े-बड़े भूपति बेंगलुरु से पहले ही निकल आए। अभी दूल्हा तय नहीं हुआ और फूफा लोग पहले ही नाराज हो गए। फोटोबाजी और राजनीतिक पर्यटन के लिहाज से बेंगलुरु सेशन क्लोज हुआ। अगली शूटिंग मुंबई में होगी।
सुशील मोदी बोले-नीतीश कुमार इसलिए नाराज
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने भी बेंगलुरु बैठक के दौरान नीतीश कुमार की भूमिका को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक के दौरान सबसे बड़ी किरकिरी तो नीतीश कुमार की हुई है। उन्हें फर्जी इंडिया का संयोजक न बनाए जाने के कारण नाराज होकर बैठक से पहले ही निकल जाना पड़ा। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा नहीं लिया। मोदी ने कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद बेंगलुरु में नीतीश कुमार के खिलाफ पोस्टर तक लगाए गए।
मोदी ने पटना बैठक की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय केजरीवाल भी इसी तरह नाराज होकर दिल्ली लौट गए थे। मोदी ने कहा कि चुनाव से पहले जिन लोगों का मन नहीं मिल पा रहा और जो लोग एक चेहरा नहीं तय कर पा रहे हैं,वे 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कतई नहीं कर सकते।
बेंगलुरु में नीतीश की बेइज्जती का आरोप
बिहार के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी कहा कि महागठबंधन के लोगों ने बेंगलुरु में नीतीश कुमार की भारी बेइज्जती की है। कांग्रेस की हुकूमत वाले राज्य में नीतीश कुमार को अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर उम्मीदवार बताया गया। इसके साथ ही नीतीश कुमार की भारी फजीहत भी कराई गई। यह कांग्रेस के लोगों की सोची समझी चाल थी। कांग्रेस के लोग चाहते हैं कि नीतीश कुमार गठबंधन में आएं मगर उन्हें कोई महत्वपूर्ण भूमिका न मिले।
उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के खिलाफ बेंगलुरु में लगाए गए पोस्टर्स में उन्हें अनस्टेबल प्राइम मिनिस्टर उम्मीदवार बताया गया था। इसके साथ ही बिहार में गिरे ब्रिज की तस्वीर भी लगाई गई थी। हालांकि बाद में पुलिस ने इन पोस्टर्स को हटा दिया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अभी तक विपक्षी एकजुटता की मुहिम का सूत्रधार माना जाता रहा है मगर बेंगलुरु बैठक में उनके और लालू के प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा न लेने पर सवाल उठाए जा रहे हैं। दोनों नेताओं के नाराज होने की चर्चाओं के बीच भाजपा हमलावर मुद्रा में आ गई है।