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LAC से बड़ी खबर: भारत-चीन सेना को लेकर बड़ा ऐलान, लिया गया फैसला
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जल्द ही विवाद सुलझ सकता है। दोनों देश अपनी-अपनी सेना को पीछे हटाने पर सहमत हुए हैं।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच मई महीने से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। लेकिन अब ये स्थिति जल्द सुधरने के आसार नजर आ रहे हैं। दरअसल, दोनों पक्षों के बीच लद्दाख सीमा पर फिंगर इलाके में पीछे हटने पर सहमति बनी है। अब भारतीय और चीनी सैनिकों के फिंगर इलाके से पीछे हटने की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएगी। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच दिवाली से पहले गतिरोध खत्म हो सकता है।
कॉर्प्स कमांडर लेवल की वार्ता में बनी इस पर सहमति
बता दें कि सीमा पर हालात सुधारने के लिए भारत और चीन के बीच छह नवंबर को चुशुल में कॉर्प्स कमांडर लेवल की वार्ता हुई थी, जिसमें दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने पर सहमति बनी है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख सेक्टर के कुछ हिस्सों में सेना को पीछे हटाने पर राजी हुए हैं। जिसके तहत भारतीय और चीनी सैनिक इस साल अप्रैल-मई वाले स्थानों पर वापस लौटेंगे।
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तीन चरणीय प्लान पर सहमत हुए दोनों देश
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, पीछे हटने की योजना के अनुसार पैंगोंग त्सो झील वाले इलाके में दोनों देश की सेनाएं पहले हफ्ते में पीछे हटेंगी। साथ ही एलएसी से महत्वपूर्ण दूरी तक टैंक और सैनिकों को पीछे हटाएंगी। दोनों देश तीन चरणीय प्लान पर सहमत हुए हैं। कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता में भारत और चीन टैंकों और हथियारबंद वाहनों को एक दिन के अंदर बॉर्डर से पीछे हटाएंगे।
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दूसरे और तीसरे चरण में क्या है प्लान?
दूसरे चरण के तहत दोनों देश पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे से लगातार तीन दिन तक अपने 30 फीसदी सैनिकों को पीछे हटाएंगे। तीसरे चरण में सेनाओं को पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से से पीछे हटना होगा। इसमें चुशुल और रेजांग ला की पहाड़ियां और क्षेत्र भी शामिल हैं। गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच मई महीने से ही तनाव बना हुआ है। लेकिन ये तनाव तब और बढ़ गया जब चीन के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इस झड़प में चीनी पक्ष के भी 43 जवान हताहत हुए थे।
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