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Brij Bhushan Sharan Vs Wrestlers: महिला पहलवानों के ऐलान के बाद, बृजभूषण सिंह बोले - मेरा कोई प्लान नहीं
Brij Bhushan Sharan Vs Wrestlers: पहलवानों के सड़कों पर आंदोलन बंद करने की घोषणा के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है।
Brij Bhushan Sharan Vs Wrestlers: पहलवानों के सड़कों पर आंदोलन न करने की घोषणा के बाद भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। बृजभूषण सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अदालत अपना काम करेगी और जो करेगी ठीक करेगी। उन्होने कहा कि मेरा कोई प्लान नहीं है, मुझे कोई भी टिप्पणी नहीं करनी है, क्योंकि मामला अब अदालत में हैं।
पहलवानों ने की आंदोलन खत्म करने की घोषणा
बता दें कि भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पहलवानों ने 25 जून को घोषणा करते हुए कहा था कि अब वह अपनी लड़ाई सड़क के बजाय अदालत में लड़ेंगे। अब सड़कों पर प्रदर्शन नहीं करेंगे, साथ ही ये लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक कि न्याय नहीं मिल जाता। आंदोलन खत्म करने की जानकारी महिला पहलवान साक्षी मालिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने ट्वीट करके दी थी।
पहलवान साक्षी मलिक ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि सरकार के साथ 7 जून को वार्ता हुई। सरकार ने जो पहलवानों के साथ वादे किए उन पर अमल करते हुए सरकार ने उस कड़ी में महिला कुश्ती खिलाड़ियों द्वारा महिला उत्पीड़न एवं यौन शोषण के संबंध में की गई शिकायतों के मामले में छः महिला पहलवानों द्वारा दर्ज FIR की दिल्ली पुलिस जाँच पूर्ण करके 15 जून को कोर्ट में चार्जशीट पेश कर दी गई है। इस केस में पहलवानों की क़ानूनी लड़ाई सड़क की जगह कोर्ट में जारी रहेगी जब तक न्याय नही मिल जाता। कुश्ती संघ के सुधार के संबंध में नई कुश्ती संघ के चुनाव की प्रक्रिया वादे के अनुसार शुरू हो गयी है। जिसके चुनाव 11 जुलाई को होना तय है के सम्बन्ध में सरकार ने जो वादे किये है उस पर अमल होने का इंतजार रहेगा।
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) June 25, 2023
WFI के चुनावों पर लगी रोक
गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने असम कुश्ती संघ की याचिका पर भारतीय कुश्ती संघ के 11 जुलाई को होने वाल चुनावों पर रोक लगा दी है। असम कुश्ती संघ ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई), भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समित और खेल मंत्रालय के खिलाफ याचिका दायर की थी। असम कुश्ती संघ ने दायर याचिका में कहा था कि वे डब्ल्यूएफआई से सदस्य के रूप में मान्यता के हकदार हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश क गोंडा में 15 नवंबर 2014 को डब्ल्यूएफआई की आम परिषद को तत्कालीन कार्यकारी सिफारिश के बावजूद ऐसा नहीं किया गया।