TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

निशाने पर दलाई लामा: बौद्ध धर्मगुरु के लिए चीन ने बुना ये जाल, इनको बनाया हथियार

बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को उनके पद से हटाने और उनके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करने के लिए चीन के एक शख्स ने भारत में बौद्ध भिक्षुओं के बीच हवाला का जाल बुरी तरह फैला रखा था।

Newstrack
Published on: 23 Sept 2020 12:53 PM IST
निशाने पर दलाई लामा: बौद्ध धर्मगुरु के लिए चीन ने बुना ये जाल, इनको बनाया हथियार
X
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को उनके पद से हटाने और उनके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करने के लिए चीन के एक शख्स ने जाल बुरी तरह फैला रखा था।

नई दिल्‍ली: बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को उनके पद से हटाने और उनके बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करने के लिए चीन के एक शख्स ने भारत में बौद्ध भिक्षुओं के बीच हवाला का जाल बुरी तरह फैला रखा था। चीन के इस शख्स का खुलासा प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किए गए चीनी व्‍यक्ति से जांच में किया है। चीनी शख्स चार्ली पेंग कर्नाटक के एक बौद्ध मठ में रह रहे भिक्षुओं को घूस के रूप में मोटी रकम दे रहा था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उसे मनी लॉन्ड्रिंग का रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस बारे में ऐसा माना जा रहा है कि वह इन बौद्ध भिक्षुओं को मोटी रकम देकर बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा के संबंध में जानकारी निकाल रहा था। उसका ये रैकेट कर्नाटक से लेकर मुंबई और पूरे भारत तक में फैले होने की बात सामने आ रही है।

ये भी पढ़ें... मोदी पूरी दुनिया में: दुनियाभर में 100 लोगों में शामिल PM, हुआ भारत का नाम

भिक्षु जामयांग जिनपा को 30 लाख रुपये का भुगतान

इस पूरे घटनाक्रम के बारे में कर्नाटक के सेरा बौद्ध मठ के प्रमुख ने बताया कि 'एसके ट्रेडिंग' के खाते से सेरा बौद्ध मठ के भिक्षु जामयांग जिनपा को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था।

ऐसे में एक जांचकर्ता ने बताया कि ये खाता चीनी नागरिक चार्ली पेंग द्वारा भिक्षुओं को पैसा भेजने करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कई शेल कंपनियों के खातों में से एक है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि कहीं पेंग दिल्‍ली में तिब्‍बती लोगों को तो घूस नहीं दे रहा था।

बीते दिनों ये खबर सामने आई थी, जिसमें 42 साल का यह चीनी नागरिक पूरे भारत में कुछ 'लामाओं (बौद्ध भिक्षुओं) को रिश्वत दे रहा था। इसमें दलाई लामा और उनके सहयोगी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए इसकी रडार पर दिल्ली का मजनू का टीला भी शामिल था। इस पर जांचकर्ताओं का कहना है कि दलाई लामा पर पछाड़ने के लिए एक चीनी व्‍यक्ति के सहयोग के लिए ऐसा किया जा रहा था।

Charlie peng फोटो-सोशल मीडिया

ये भी पढ़ें...भारत युद्ध को तैयार: आ रहे ये सुपर-पॉवर ड्रोन, सेनाओं की ताकत में बढ़ोत्तरी

10 लाख रुपये दिए

सूत्रों से मिली जानकारी में जांचकर्ता ने बताया कि कर्नाटक के बौद्ध मठ के एक अन्य बौद्ध भिक्षु थुप्टेन चोडक को कथित रूप से 15 लाख रुपये का भुगतान किया गया था, जबकि फुंतशोक धारग्याल, न्गावांग लॉसेल और ताशी चोपेल को 10-10 लाख रुपये दिए गए थे। थुपतेन वांगचुक को 8 लाख रुपये और लोबसांग चोडेन को 7 लाख रुपये की रकम भुगतान की गई थी।

इसके चलते इसी कंपनी ने कर्नाटक के मुंदगोड में ड्रेपंग लॉसलिंग को 10 लाख रुपये और सोनम दोर्जी को 7 लाख रुपये का भुगतान किया था। मुंदगोड में लोबसांग दोर्जी ड्रेपंग लॉसलिंग को एक अज्ञात रकम का भुगतान भी किया गया था।

इसमें एसके ट्रेडिंग कंपनी के अकाउंट से नवी मुंबई में पैन मिंगमिंग नामक एक भिक्षु को भी 10 लाख रुपये दिए गए थे। मैसूर जिले में बाइलाकुप्पे, कोडागु की सीमा और बेंगलुरु से लगभग 200 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। बता दें, धर्मशाला के बाद तिब्बत के बाहर यह सबसे बड़ी तिब्बती बस्ती है।

ये भी पढ़ें...मुंबई में भारी बारिश के कारण हाईकोर्ट में रिया की जमानत याचिका पर सुनवाई टली



\
Newstrack

Newstrack

Next Story