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कर्ज में डूबे कारोबारी ने पत्नी और बच्चों के साथ खुद को गोली से उड़ाया

बताया जा रहा है कि बठिंडा निवासी रविंदर गर्ग काफी समय से चीट फंड और चैन मार्केटिंग कंपनियों के लिए काम करता था। कारोबार में घाटा इतना हुआ कि उसे अपनी खुद की कोठी भी दो साल पहले बेचनी पड़ी थी।

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Published on: 23 Oct 2020 12:35 PM GMT
कर्ज में डूबे कारोबारी ने पत्नी और बच्चों के साथ खुद को गोली से उड़ाया
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कर्ज में डूबे कारोबारी ने पत्नी और बच्चों के साथ खुद को गोली से उड़ाया (Photo by social media)

बठिंडा : पंजाब के बठिंडा जिले से हृदय विदारक खबर सामने आई है। यहां कर्ज से परेशान एक कारोबारी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। कारोबारी की पहचान 41 वर्षीय धर्मेंद्र गर्ग के रूप में हुई है । बताया जा रहा है कि कारोबार में घाटा होने के कारण रविंदर गर्ग लाखों रुपए का कर्जदार हो गया हो गया था । सुसाइड नोट में गर्ग ने को 9 लोगों को मौत का जिम्मेदार बताया है। हालांकि उनके नामों का खुलासा नहीं हुआ है।

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बताया जा रहा है कि बठिंडा निवासी रविंदर गर्ग काफी समय से चीट फंड और चैन मार्केटिंग कंपनियों के लिए काम करता था। कारोबार में घाटा इतना हुआ कि उसे अपनी खुद की कोठी भी दो साल पहले बेचनी पड़ी थी। इस समय बठिंडा के के ग्रीन सिटी फेस टू में में टू में फेस टू में में टू में में किराए के मकान में रह रहा था।

उसके परिवार में उसकी 28 वर्षीय पत्नी मीना 14 वर्षीय बेटा और एक 10 बरस बरस की बेटी थी

बताया जा रहा है कि उसके परिवार में उसकी 28 वर्षीय पत्नी मीना 14 वर्षीय बेटा और एक 10 बरस बरस की बेटी थी। यह भी कहा जा कहा जा रहा है कि खुदकुशी करने से पहले रविंदर गर्ग अपनी ससुराल भी गया था। वहां से लौटने के बाद उसने अपनी मां से भी बात की थी। इसके कुछ देर बाद उसने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से अपने और अपने परिवार की गोली मारकर हत्या कर मारकर हत्या कर हत्या कर मारकर हत्या कर की गोली मारकर हत्या कर मारकर हत्या कर हत्या कर दी।

दविंद्र का परिवार अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक ने डोर बेल बजाई

बताया जा रहा है कि काफी देर तक जब दविंद्र का परिवार अपने कमरे से बाहर नहीं निकला तो मकान मालिक ने डोर बेल बजाई। लेकिन काफी देर तक घंटी बजने के बाद ही दरवाजा न खुलने पर मकान मालिक ने देवेंद्र के रिश्तेदारों को बुलाया। जब वो दरवाजा तोड़कर अंदर अंदर अंदर दरवाजा तोड़कर अंदर अंदर गए तो देखा कि बेड पर रक्तरंजित शव पड़े हुए थे । सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने शव का पंचनामा कर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

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कहा जा रहा है कि दविंदर से ने चिटफंड कंपनियों के लिए करोड़ों रुपए का लेनदेन रुपए का लेनदेन किया था । लेकिन यह कंपनियां कुछ साल पहले फरार हो गई जिस कारण उसकी आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो गई । यह भी कहा जा कहा जा रहा है कि खुद को स्थापित करने के लिए दोबारा कारोबार शुरू किया लेकिन कोरोना कि वजह से कारोबार चल ना सका सका। कर जाई होने के कारण दविंदर पर लोगों के पैसे वापस करने के दबाव बन रहे थे रहे थे ।.फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

पत्नी सहित दो बच्चों और नौकर की हत्या करने वाले को फांसी की सजा

मुक्तसर साहिब : पंजाब के मुक्तसर जिले जिले की एक अदालत ने ने हत्यारे पति को फांसी की सजा सुनाई है। हत्यारे पर नौकर की पत्नी से अवैध संबंधों में बाधक बन रही पत्नी, चार साल की बेटे, 6 साल की बेटी सहित बेटी सहित नौकर की हत्या करने का आरोप था । विदेश की सुनवाई करते हुए जिला सेशन जज और वीर वशिष्ठ की अदालत में आरोपी पर परविंदर सिंह को फांसी की सजा सुनाई है जबकि 4 लोगों की हत्या की साजिश में शामिल नौकर की पत्नी परमजीत कौर को उम्र कैद कैद कौर को उम्र कैद कैद की सजा सुनाई है।

मामले के अनुसार करीब 5 साल पहले वर्ष 2015 में 2015 में जिले के गांव अटारी निवासी बलविंदर सिंह ने सिंह ने चारों को जून 2015 में कार में बिठा कर घुमाने घुमाने ले गया और जानबूझकर कार को नहर में गिरा कर चालक की हत्या कर दी हत्या कर दी थी।

परविंदर सिंह मुक्तसर साहिब के एक स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी था। इस दौरान उसने खेतों और पशुओं की रखवाली के लिए निर्मल सिंह और उसकी पत्नी कर्मजीत कौर को काम पर रखा था। बताया जाता है कि पलविंदर सिंह के कर्मजीत कौर के साथ अवैध संबंध थे । इस अवैध संबंध मे पलइंदर सिंह की पत्नी सरबजीत कौर बेटा जशन प्रीत सिंह, बेटी गगनदीप कौर और नौकर निर्मल सिंह बाधा बन रहे थे। इन चारों को रास्ते से हटाने के लिए परविंदर सिंह ने कर्मजीत कौर के साथ मिलकर कौर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची। वारदात को अंजाम देने से पहले पलविंदर सिंह ने सरबजीत कौर और निर्मल सिंह के नाम पर एक्सीडेंटल बीमा की दो पॉलिसी खरीदी।

11 दिन बाद बेटा और निर्मल को कार में बैठा कर घुमाने के बहाने बखक्षर ले गया

11 दिन बाद बेटा और निर्मल को कार में बैठा कर घुमाने के बहाने बखक्षर ले गया। इस दौरान साजिश के के तहत उसने जानबूझकर अपनी कार में गिरा दिया और खुद बाहर निकल आया। वारदात को घटना दिखाने के लिए उसने शोर मचाकर लोगों को इकट्ठा किया। इस घटना में पत्नी, बच्चों और नौकर की की नहर में डूबने से मौत हो गई।

बताया जाता है कि हत्या के बाद 27 जनवरी 2016 को बलविंदर सिंह व कर्मजीत कौर जो पहले नौकर की पत्नी हुआ करती थी से शादी कर ली। पलविंदर की पहली पत्नी के भाई गुरु किशन सिंह ने इस शादी के बाद संदेह जताते हुए पुलिस से शिकायत दर्ज करवाई। उसने अपनी शिकायत में अपनी बहन और दोनों बच्चों व नौकर की हत्या की आशंका जताई है। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू की तो परत दर परत कड़ियां खुलती गई और अंततः आरोपी बलविंदर सिंह को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुना दी।

दुर्गेश पार्थसारथी

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