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MP में फिर से चुनाव: कमलनाथ सरकार पर छाए संकट के बादल
मध्यप्रदेश में फिर से चुनावी बिगुल बजने वाला है, फिर से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जल्द ही इसका ऐलान भी किया जाने वाला है। कांग्रेस सरकार इस वक्त बड़े संकट से गुजर रही है, जिसके कारण ऐसे हालत बन गए हैं कि दोबारा चुनाव करने पड़ रहे हैं।
नई दिल्ली: बीते दिनों महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर खूब ड्रामा देखने को मिला, लेकिन आखिरकार शिवसेना और कांग्रेस, एनसीपी ने मिलकर सरकार बना ही ली। लेकिन मध्यप्रदेश में तो कांग्रेस की सरकार बनी है लेकिन आंकड़े ऐसे है कि सरकार गिर सकती है। वहीं अब खबर है कि मध्यप्रदेश में फिर से चुनावी बिगुल बजने वाला है, फिर से विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। जल्द ही इसका ऐलान भी किया जाने वाला है।
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दरअसल, कांग्रेस सरकार इस वक्त बड़े संकट से गुजर रही है, जिसके कारण ऐसे हालत बन गए हैं कि दोबारा चुनाव करने पड़ रहे हैं। कांग्रेस मध्यप्रदेश में लंबे समय के बाद सत्ता में आई। राज्य में जब से कमलनाथ सरकार बनी तभी से बीजेपी के नेता कह रहे थे कि कांग्रेस सरकार को जल्द ही गिरा दिया जाएगा और फिर से बीजेपी सरकार सत्ता में आएगी। ऐसे में एमपी में दोबारा चुनाव की खबर सामने आई तो सभी राजनीतिक दल के नेता फिर से सक्रिय हो गए हैं।
यहां जानें क्यों हो रहा है फिर से चुनाव
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में फिर से चुनाव पूरे प्रदेश में नहीं बल्कि केवल एक सीट पर होगा। ऐसा इसीलिए क्योंकि मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का निधन हो गया है। उनके निधन के बाद अब इस सीट पर उपचुनाव कराए जाएंगे। विधायक बनवारी लाल शर्मा का लंबे समय से भोपाल में इलाज चल रहा था। वे विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को हराकर विधायक बने थे, लेकिन अब उनके निधन के बाद कांग्रेस फिर से 114 सीटों पर आ गई है।
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मजबूती पर है कांग्रेस
हालांकि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति अभी मजबूत है। झाबुआ में हुए उपचुनाव के बाद कांग्रेस के पास सदन में 115 विधायकों और एक निर्दलीय विधायक के मंत्री होने से 116 की संख्या में है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बसपा और 1 सपा के विधायकों का समर्थन है।
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वहीं, बीजेपी के पास फिलहाल सदन में 108 विधायकों का संख्या बल है, जो अभी भी काफी कम है। यदि जौरा विधानसभा सीट पर दोबारा चुनाव होते हैं और उसमें बीजेपी की जीत होती है तब भी भाजपा सरकार बनाने में असमर्थ ही रहेगी, क्योंकि कांग्रेस के पास अन्य दलों के समर्थन के कारण बहुमत है। इसलिए भाजपा चाहकर भी कांग्रेस का कुछ नहीं कर पाएगी।