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CAA हिंसा: बिजनौर में मारा गया था सुलेमान, अब 6 पुलिसकर्मियों पर शिकायत दर्ज
सुलेमान के भाई शोएब ने नहटौर के पूर्व थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दरोगा आशीष तोमर, सिपाही मोहित तोमर समेत 6 पुलिसकर्मियों पर भाई की गोली मारकर हत्या करने की शिकायत दर्ज कराई है।
फैसल खान
बिजनौर: बिजनौर में 20 दिसंबर को नहटौर में सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गए सुलेमान के भाई शोएब ने नहटौर के पूर्व थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दरोगा आशीष तोमर, सिपाही मोहित तोमर समेत 6 पुलिसकर्मियों पर भाई की गोली मारकर हत्या करने की शिकायत दर्ज कराई है।
बिजमौर हिंसा में मारा गया था सुलेमान
सुलेमान बिजनौर हिंसा में मारा गया था। इस मामले में पीड़ित परिवार ने 6 पुलिसकर्मियों पर शिकायत दर्ज किया है। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की बात कही है। वहीं बता दें कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं।
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को लेकर उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन देखा गया था। इस दौरान बिजनौर में भी हिंसा भड़क उठी थी। 20 दिसंबर को नहटौर में सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान मारे गए सुलेमान के भाई शोएब ने नहटौर के पूर्व थाना प्रभारी राजेश सोलंकी, दरोगा आशीष तोमर, सिपाही मोहित तोमर समेत 6 पुलिसकर्मियों पर भाई की गोली मारकर हत्या करने की शिकायत दर्ज कराई है।
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जल्द दर्ज होगा मुकदमा- पुलिस अधिक्षक
इस मामले में अपर पुलिस अधीक्षक देहात विश्वजीत श्रीवास्तव ने बताया कि तहरीर मिल गई है, जिस पर मुकदमा लिखाने की कार्रवाई चल रही है, जल्द मुकदमा लिखा जाएगा।
परिजनों से मिलीं प्रियंका
बता दें कि बिजनौर के एसपी मान चुके हैं कि सुलेमान की मौत उस समय हुई थी पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई थी। अनस की मौत के बारे में पुलिस का दावा है कि उसकी की मौत उपद्रवियों की गोली लगने से हुई थी। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी बिजनौर गई थीं और वह मारे गए सुलेमान, अनस और घायल ओमराज सैनी के परिवार से मिलीं और उन्हें सांत्वना दी थी। साथ ही प्रियंका गांधी ने मामले की जांच की मांग की है। कांग्रेसी भी ओमराज सैनी को देखने अस्पताल गए थे।
सुलेमान पढ़ने गया था नमाज, पुलिस ने मार दिया- परिजन
20 दिसंबर को यूपी के कई इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जब बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे तो इस दौरान हिंसक घटनाएं भी हुईं। बिजनौर जिले का नहटौर भी इस हिंसा की चपेट में आ गया और सुलेमान व अनस के दो युवकों की गोली लगने से जान चली गई। सुलेमान के परिवार का कहना है कि वो नमाज पढ़ने गया था और पुलिस ने मार दिया। जबकि पुलिस ने ये तो स्वीकार किया है कि सुलेमान की मौत उनकी गोली से हुई है, लेकिन ऐसा आत्मरक्षा में किया गया।
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सुलेमान की उम्र 22 साल थी। 20 दिन यानी शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दिल्ली से लेकर देश के कई छोटे-बड़े शहरों में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किए गए। बड़ी तादाद में मुस्लिम समाज के लोग सड़कों पर उतरे। बिजनौर जिले के नहटौर में भी प्रदर्शन के लिए भीड़ बाहर निकली, लेकिन इस दौरान यहां हिंसा हो गई। इस हिंसा में सुलेमान को गोली लग गई जिससे उसकी मौत हो गई।
सुलेमान के परिवार ने सुनाई आपबीती
सुलेमान के बड़े भाई शोएब ने बताया, 'सुलेमान मेरा छोटा भाई था। यूपीएससी की कोचिंग कर रहा था। वो नमाज पढ़ने गया था। पुलिस ने जबरदस्ती उसे गोली मारी है और मेरे वालिद साहब पर भी लाठीचार्ज किया है। सरकारी अस्पताल में हमारी कोई नहीं सुन रहा था और जब हम बॉडी घर ले जा रहे थे तो वहां भी हमारे साथ बदतमीजी की गई। नहटौर में जो विवाद हुआ, हमें तो पता भी नहीं था। हमें तो ढाई बजे पता लगा कि भाई को गोली लग गई, घासमंडी से उठाकर लाए हम।
पुलिस पर फायरिंग का आरोप
सुलेमान के बड़े भाई शोएब ने सीधे तौर पर पुलिस पर फायरिंग का आरोप लगाया। हालांकि, यूपी पुलिस लगातार किसी भी प्रदर्शन के दौरान फायरिंग की बात से इनकार करती रही, लेकिन बिजनौर पुलिस ने बाद में माना कि सुलेमान की मौत पुलिस की गोली से ही हुई।
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