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Cabinet Secretary: कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा को मिला एक साल का सेवा विस्तार, जानें मोदी सरकार के लिए क्यों हैं अहम?

Cabinet Secretary Extension केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है। वो 2024 लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बने रहेंगे। गाबा वर्तमान में भी सेवा विस्तार पर ही चल रहे हैं।

Aman Kumar Singh
Published on: 3 Aug 2023 4:18 PM IST (Updated on: 3 Aug 2023 4:39 PM IST)
Cabinet Secretary: कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा को मिला एक साल का सेवा विस्तार, जानें मोदी सरकार के लिए क्यों हैं अहम?
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कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा (Social Media)

Cabinet Secretary Extension : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा (Cabinet Secretary Rajiv Gauba) को एक साल का कार्यकाल विस्तार मिला है। राजीव गौबा 2024 लोकसभा चुनाव तक इस पद पर बने रहेंगे। आपको बता दें, गाबा अभी भी सेवा विस्तार पर ही चल रहे हैं। कैबिनेट सचिव का पद नौकरशाही में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

आपको बता दें, कैबिनेट सचिव ही अधिकारी होते हैं जो प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के बीच समन्वय (coordination) स्थापित करने का काम करते हैं। गौबा का सेवा विस्तार लोकसभा चुनाव 2024 तक इस पद पर बने रहेंगे।

गौबा को पहले भी दो बार मिल चुका है विस्तार

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राजीव गौबा को साल 2019 में कैबिनेट सचिव नियुक्त किया था। इससे पहले भी गौबा को दो बार इस पद पर सेवा विस्तार मिल चुका है। गौबा भारत के गृह सचिव (Home Secretary) पद पर रहे थे। बता दें, उन्हीं के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 (Article-370) हटाने का ड्राफ्ट बनाया गया था। कहने का मतलब है कि गाबा के सेवा में रहते मोदी सरकार ने कई अहम फैसले लिए। संभवतः उनकी उपयोगिता को देखते हुए सेवा विस्तार दिया गया है।

मोदी सरकार के लिए क्यों अहम हैं गौबा?
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा को वर्ष 2019 में 2 वर्षों के लिए देश के टॉप ब्यूरोक्रेट्स पद पर नियुक्त किया गया था। उन्हें साल 2021 में और फिर पिछले वर्ष अगस्त महीने में एक साल का विस्तार दिया गया था। गौबा को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (Jammu and Kashmir Reorganization Act, 2019) का प्रमुख 'वास्तुकार' माना जाता है। आपको बता दें, इसी अधिनियम के तहत संविधान के आर्टिकल-370 के तहत दिए गए 'विशेष दर्जे' को निरस्त करने के बाद पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) में विभाजित किया गया था। इसके अलावा, अन्य जिम्मेदारियों में गौबा ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और महत्वपूर्ण वामपंथी उग्रवाद प्रभाग की देखरेख भी की है।

कौन हैं राजीव गौबा?

राजीव गौबा का जन्म पंजाब में हुआ था। गौबा ने पटना यूनिवर्सिटी (Patna University) से फिजिक्स में स्नातक किया था। वर्ष 2016 में केंद्र सरकार में सेवा में लौटने से पहले उन्होंने 15 महीने तक झारखंड में मुख्य सचिव (Chief Secretary of Jharkhand) के रूप में काम किया था। गौबा ने एक युवा अधिकारी के रूप में अक्टूबर-नवंबर 1984 में सिख विरोधी दंगों (Anti Sikh Riots 1984) को संभाला था। राजीव गौबा को मुख्यतः आदिवासी बहुल दुमका जिले में उप विकास आयुक्त के रूप में काम के लिए याद किया जाता है।

गौबा का जिलाधिकारी के रूप में करीब 6 वर्षों का कार्यकाल था, पहले नालंदा (Nalanda) में, फिर मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में और बाद में गया में रहा। चुनावों में उनके मैनेजमेंट ने उन्हें वर्ष 1994 और 1995 में मुजफ्फरपुर तथा साल 1996 में गया में हुए कठिन चुनावों में उल्लेखनीय प्रशंसा दिलाई थी। इसके बाद उनके कदम केंद्र की तरफ बढे। मोदी सरकार में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। फलस्वरूप उन्हें एक वर्ष का और सेवा विस्तार दिया गया है।



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Aman Kumar Singh

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