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जाति प्रमाण पत्र बना दिव्यांग के लिए रोड़ा, अब नौकरी हाथ से छूटी

रांची के अनय जायसवाल आंखों से देख नहीं सकते हैं। काफी मुश्किलात के बाद उन्होने आईबीपीएस की परीक्षा पास की। अनय की मानें तो परीक्षा फॉर्म में बीसी-2 का कोई प्रावधान नहीं था।

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Published on: 4 Nov 2020 5:22 PM IST
जाति प्रमाण पत्र बना दिव्यांग के लिए रोड़ा, अब नौकरी हाथ से छूटी
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जाति प्रमाण पत्र बना दिव्यांग के लिए रोड़ा, अब नौकरी हाथ से छूटी (Photo by social media)

रांची: रांची के रहने वाले दिव्यांग अनय जायसवाल झारखंड में बैकवर्ड क्लास-2 में आते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार की ओबीसी सूची में इनकी जाति का नाम शामिल नहीं है। अनय की मानें तो उन्होने बैंकिंग की परीक्षा में अपनी जाती जायसवाल बताया और ओबीसी कैटेगरी में अपना नाम दर्ज कराया। परीक्षा पास करने के बाद उनसे ओबीसी सर्टिफिकेट मांगा गया लेकिन वो बन नहीं पाया। लिहाज़ा, उनकी नौकरी मिलते-मिलते छूट रही है। झारखंड राज्य निःशक्तता आयुक्त सतीश चंद्र ने भी अनय के पक्ष में पत्राचार किया लेकिन बात बनी नहीं। ऐसे में अनय खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।

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दृष्टिबाधित हैं अनय जायसवाल

रांची के अनय जायसवाल आंखों से देख नहीं सकते हैं। काफी मुश्किलात के बाद उन्होने आईबीपीएस की परीक्षा पास की। अनय की मानें तो परीक्षा फॉर्म में बीसी-2 का कोई प्रावधान नहीं था। लिहाज़ा, उन्होने ओबीसी में अपना नाम दर्ज कर दिया। बाद में स्थानीय स्तर पर ओबीसी सर्टिफिकेट बनाने की बहुत कोशिश की लेकिन अधिकारियों ने हाथ खड़े कर दिए। ऐसे में महज़ एक सर्टिफिकेट के लिए उन्हे नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

बैंक ऑफ इंडिया में हुआ है सलेक्शन

रांची के अनय जायसवाल का सलेक्शन बैंक ऑफ इंडिया के कलर्क संवर्ग में हुआ है। बैंक की ओर से साफ बता दिया गया है कि, बिना ओबीसी सर्टिफिकेट के बात आगे नहीं बढ़ सकती है। लिहाज़ा, बीसी-2 के प्रमाण पत्र के आधार पर ओबीसी केटेगरी में नौकरी नहीं दी जा सकती है। ई मेल आने के बाद से अनय जायसवाल परेशान हैं। कहते हैं कि, कोई बात समझने को तैयार नहीं है। झारखंड में वो बैकवर्ड क्लास- 2 में आते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज तक में बीसी-2 का प्रमाण पत्र ही आधार बना है। अब ओबीसी सर्टिफिकेट की मांग की जा रही है जो रांची में बन नहीं पा रहा है। ऐसे में मुझे नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है।

अनय के साथ राज्य निःशक्तता आयुक्त

झारखंड राज्य निःशकत्ता आयुक्त सतीश चंद्र ने बैंक ऑफ इंडिया को इस बाबत पत्र लिखा है। आयुक्त ने अनय जायसवाल को क्षैतिज आरक्षण देने की बात कही है। उन्होने लिखा है कि, दृष्टिबाधित अनय जायसवाल को जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति से वंचित नहीं किया जा सकता है। आवेदक का कट ऑफ मार्क्स सामान्य श्रेणी से अधिक है। निःशकत्ता आयुक्त ने आगे लिखा है कि, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई की जाए। हालांकि, आयुक्त के पत्र का अबतक कोई जवाब नहीं मिला है। इससे अनय जायसवाल की उम्मीदें दिन ब दिन खत्म होती जा रही हैं।

jharkhand-matter jharkhand-matter (Photo by social media)

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19 जनवरी को हुई थी परीक्षा

आईबीपीएस की परीक्षा 19 जनवरी 2020 को आयोजित हुई थी। रांची के अनय जायसवाल का परीक्षा केंद्र पटना था। परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की गई थी। परीक्षा में सफलता से अनय के घर वाले बेहद खुश थे। आंखों से देख नहीं पाने के बावजूद मिली इस सफलता से परिवार वाले भी गौरवांवित महसूस कर रहे थे। हालांकि, अब वही घर वाले हैरान और परेशान हैं। दिन बीतने के साथ ही अनय के हाथों से नौकरी दूर जा रही है। बैंक ओबीसी प्रमाण पत्र की मांग पर अड़ा है जबकि, अनय के पास बीसी-2 का ही सर्टिफिकेट है। ऐसे में अब कोई रास्त नहीं दिख रहा है।

शाहनवाज़

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