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तबाही का भयंकर रूप: मरे 17 हजार से अधिक, मौत बन कर बरसी आफत
महामारी, तूफान, बारिश-बाढ़ से दुनियाभर में हाहाकार मचाया हुआ था। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने इस बारे में कहा कि बीते साल देश में आए चक्रवातों के कारण 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई।
नई दिल्ली: महातबाही से गुजरा हुआ साल 2020 बहुत ही भयानक था। महामारी, तूफान, बारिश-बाढ़ से दुनियाभर में हाहाकार मचाया हुआ था। ऐसे में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने इस बारे में कहा कि बीते साल देश में आए चक्रवातों के कारण 115 लोगों और 17,000 से अधिक मवेशियों की जान चली गई। साल 2020 में उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में पांच चक्रवात बने। जिनमें अम्फान, निवार, गति, निसर्ग और बुरेवी शामिल रहे। इनमें से निसर्ग और गति जहां अरब सागर से उठे तो वहीं बाकी 3 चक्रवात बंगाल की खाड़ी से उठे थे। वहीं इन चक्रवातों में अम्फान तूफान ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई।
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बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान
भारतीय मौसम विज्ञान विभआग के अनुसार, 'भारत की जलवायु स्थिति रिपोर्ट 2020' में कहा कि अम्फान चक्रवात के कारण 90 लोगों और 4,000 से अधिक मवेशियों की मौत हुई, जिनमें से अधिकतर पश्चिम बंगाल के थे।
आईएमडी के अनुसार, मानसून के मौसम में आया निसर्ग बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान था और यह तीन जून को महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र से गुजरा था। इसके चलते महाराष्ट्र में चार लोगों और 2,000 मवेशियों की जान चली गई।
फोटो-सोशल मीडिया
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2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष
महातूफानों में बाकी तीन चक्रवात निवार, बुरेवी और गति मानसून के मौसम के बाद आए। जबकि निवार तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटों से गुजरा, जिसके चलते तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 12 लोगों और 10,836 मवेशियो की मौत हो गई। मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा कि 1901 के बाद से 2020 आठवां सबसे अधिक गर्म वर्ष रहा लेकिन 2016 की सबसे अधिक गर्मी की तुलना में यह काफी कम रहा।
इस बारे में आईएमडी के अनुसार, गुजरे हुए दो दशक 2001-2010 और 2011-2020 भी सबसे गर्म दशक दर्ज किए गए। सामने आए आंकड़ों के अनुसार 1901 के बाद से 15 सबसे ज्यादा गर्म वर्षों में 12 वर्ष 2006 से 2020 के दौरान रहे। 1901-2020 के दौरान देश में औसत वार्षिक तापमान सामान्य में 0.62 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि देखी गई।
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