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शरद पवार को नोटिस: अब सरकार पर लगाया आरोप, कहा ये डराने की कोशिश

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया और राज्यसभा सांसद शरद पवार को इनकम टैक्स नोटिस मिला है। यह नोटिस केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा दिए जाने पर निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसने ऐसा करने के निर्देश नहीं दिए थे।

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Published on: 23 Sept 2020 4:25 PM IST
शरद पवार को नोटिस: अब सरकार पर लगाया आरोप, कहा ये डराने की कोशिश
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शरद पवार को नोटिस: अब सरकार पर लगाया आरोप, कहा ये डराने की कोशिश

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के मुखिया और राज्यसभा सांसद शरद पवार को इनकम टैक्स नोटिस मिला है। यह नोटिस केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा दिए जाने पर निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसने ऐसा करने के निर्देश नहीं दिए थे। आयोग ने कहा कि यह नोटिस आयकर विभाग ने भेजी है। इससे पहले शरद पवार ने मंगलवार को कहा था कि आयकर विभाग ने उन्हें चुनाव आयोग को उनके द्वारा जमा किये चुनावी हलफनामों के सिलसिले में नोटिस भेजा है।

सीबीडीटी को ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं-चुनाव आयोग

बता दें कि आयोग ने अपने दिए गए बयान में बताया कि 'मीडिया के कुछ वर्गों में यह बताया गया है कि भारत के चुनाव आयोग के निर्देश पर संसद सदस्य शरद पवार को आयकर नोटिस जारी किया गया है। भारत के चुनाव आयोग ने पवार को नोटिस जारी करने के लिए सीबीडीटी को ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है।'

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हम नोटिस का जवाब देंगे

बता दें मंगलवार को पवार ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि आयकर विभाग ने उनसे उनके द्वारा दिये गये कुछ चुनावी हलफनामों के सिलसिले में ‘स्पष्टीकरण एवं सफाई' मांगी है। उन्होंने कहा, 'कल मुझे नोटिस मिला। हम खुश हैं कि वह (केंद्र) सभी सदस्यों में से , हमें प्यार करता है। आयकर विभाग ने तब नोटिस जारी किया जब उससे चुनाव आयोग ने ऐसा करने को कहा। हम नोटिस का जवाब देंगे।'

cbdt sent notice to sharad pawar-2

विरोधियों को टैक्स नोटिस के जरिए डराने की कोशिश

पवार इस खबर के बारे में किये गये सवाल का जवाब दे रहे थे कि आयकर विभाग ने उनकी बेटी और लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे को भी ऐसा ही नोटिस भेजा है। विवादास्पद कृषि बिलों को लेकर राज्यसभा के आठ निलंबित सदस्यों का समर्थन करते हुए पवार ने कहा कि केंद्र सरकार विरोधियों को टैक्स नोटिस के जरिए डराने धमकाने की कोशिश कर रही है।

चुनाव के समय हलफनामें में जानकारी गलत भरी

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ दल शिवसेना और उनकी सहयोगी पार्टी एनसीपी के इन नेताओं पर आरोप है कि इन लोगों ने चुनाव के समय चुनाव आयोग को जो हलफनामा दिया है उसमें कई जानकारी गलत भरी हैं और कई अधूरी जानकारी दी गई हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शिकायतकर्ताओं ने अपने दावे के समर्थन में कुछ दस्तावेज भी सौंपे हैं, जिससे पता चलता है कि इन नेताओं ने हलफनामे में गलत जानकारी दी है।

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रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 125 ए

इन दस्तावेजों को देखने के बाद ही चुनाव आयोग ने इसकी जांच सीबीडीटी के पास भेजी है। चुनाव आयोग अब सीबीडीटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। ऐसे में अगर इन नेताओं पर लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं तो रिप्रजेटेंशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 125 ए के तहत सीबीडीटी इस मामले में केस दर्ज कर सकती है। इस सेक्शन के तहत अधिकतम 6 महीने की जेल या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है।



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