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CBI Summons Satya Pal Malik: CBI ने पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक को पूछताछ के लिए समन भेजा, भ्रष्टाचार के दो मामलों में तलब
CBI Summons Satya Pal Malik: सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को समन भेजा है। उन्हें 27 और 28 अप्रैल को भ्रष्टाचार के दो मामलों में पेश होने के लिए कहा है।
CBI Summons Satya Pal Malik: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार मामले में जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) को मौखिक समन भेजा है। मलिक को एजेंसी ने 27 और 28 अप्रैल को पेश होने को कहा है। दरअसल, सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर में दो प्रोजेक्ट में गड़बड़ियों के बाद केस दर्ज किया था। इसी मामले में CBI ने सत्यपाल मलिक को तलब किया है। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइल दस्तखत करने के लिए 300 करोड़ रुपए का ऑफर मिला था। CBI ने अक्टूबर, 2022 में भी उनसे पूछताछ की थी।
जम्मू-कश्मीर और गोवा के पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने कहा कि, 'मेरे द्वारा दी गई रिपोर्ट के संबंध में जांच एजेंसी कुछ स्पष्टीकरण चाहती है।' मीडिया रिपोर्ट्स में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने बीमा घोटाले (Insurance Scams Satyapal Malik) से जुड़े सवालों का जवाब देने को लेकर नोटिस जारी किया है।
राम माधव स्कीम पास कराने उनके पास आए थे
गौरतलब है कि, हाल ही में सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता राम माधव स्कीम पास कराने के लिए उनके पास आए थे। इस पर राम माधव ने कहा था कि, यह बात निराधार है। उन्होंने मलिक के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा। उन्होंने कहा कि 'आप प्रासंगिक बने रहने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं।'
फाइल पास करने के लिए हुआ था पैसे का ऑफर
ये मामला अक्टूबर 2021 का बताया जा रहा है। तब सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि RSS नेता से संबंधित एक फाइल को क्लियर करने के लिए उन्हें कथित तौर पर 300 करोड़ रुपए रिश्वत की पेशकश हुई थी। जिसके बाद CBI ने एक केस दर्ज किया था। सत्यपाल मलिक से पिछले साल अक्टूबर में भी पूछताछ हुई थी।
किसान बिल पर भी केंद्र को घेरा था
गौरतलब है कि, सत्यपाल मलिक लंबे समय से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर रहे हैं। पहले उन्होंने किसान बिल (Farm Laws Repeal) के खिलाफ धरने पर बैठे किसानों के समर्थन में भी बात की थी। उस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा पास किए बिल का विरोध भी किया था।