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सीबीएसई उठाएगी ये बड़ा कदम, शैक्षणिक नुकसान बचाने की तैयारी में जुटी

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक का कहना है कि उनका मंत्रालय मौजूदा शिक्षा सत्र में पाठ्यक्रम को छोटा करने की दिशा में काम कर रहा है।

Rahul Joy
Published on: 10 Jun 2020 6:29 AM GMT
सीबीएसई उठाएगी ये बड़ा कदम, शैक्षणिक नुकसान बचाने की तैयारी में जुटी
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी से होने वाले शैक्षणिक नुकसान की भरपाई के लिए सीबीएसई की ओर से बड़ा कदम उठाने की तैयारी है। छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक नुकसान को बचाने के लिए सीबीएसई ने सिलेबस को छोटा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी सिलेबस को छोटा करने का एलान किया है।

सिलेबस से हटाए जाएंगे गैरजरूरी टॉपिक

सीबीएसई के अध्यक्ष मनोज आहूजा ने बताया कि सीबीएसई ने शैक्षणिक नुकसान को बचाने के लिए पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस पर काम शुरू कर दिया गया है और छोटा सिलेबस एक महीने के भीतर तैयार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि पाठ्यक्रम में मूलतत्व बरकरार रहे और उन हिस्सों को हटा दिया जाए जो गैरजरूरी हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे हमारा मूल मकसद यह है कि छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार का भी शैक्षणिक नुकसान न हो।

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कोरोना से शैक्षिक सत्र प्रभावित

मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक का कहना है कि उनका मंत्रालय मौजूदा शिक्षा सत्र में पाठ्यक्रम को छोटा करने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण स्कूल-कालेजों में काफी दिन बंदी रही है और इस कारण शिक्षा सत्र पर काफी बुरा असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक नुकसान को बचाने के लिए स्कूली पाठ्यक्रम को छोटा करने और पढ़ाई के घंटों को कम करने की योजना पर काम किया जा रहा है।

निशंक ने कहा कि कोरोना संकट से पैदा हुई परिस्थितियों के मद्देनजर हमारे पास माता-पिता और शिक्षकों का काफी संख्या में अनुरोध पहुंचा है। इसके बाद हम मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम और शैक्षिक घंटों में कमी के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।

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निशंक ने मांगे लोगों से सुझाव

उन्होंने इस बाबत अलग-अलग पक्षकारों से सुझाव भी मांगे हैं। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों, शिक्षाविदों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों को इस मामले पर अपने विचार देने चाहिए ताकि सरकार किसी नतीजे पर पहुंच सके। उन्होंने कहा कि इन सुझावों के आधार पर हमें फैसला लेने में आसानी होगी। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि वे मंत्रालय, ट्विटर और फेसबुक पेज पर छात्रों के लिए पाठ्यक्रम 2020 हैशटैग का इस्तेमाल करें। हम अंतिम फैसला लेने से पहले इन सुझावों पर जरूर गौर करेंगे।

16 मार्च से बंद है स्कूल-कॉलेज

कोरोना महामारी के कारण देशभर के स्कूलों और कालेजों में लंबे समय से बंदी का दौर चल रहा है। मार्च महीने के दौरान इस वायरस के संक्रमण की शुरुआत के साथ ही 16 मार्च से देश भर में सभी स्कूल-कॉलेज बंद चल रहे हैं। इससे छात्र-छात्राओं की पढ़ाई में बड़ा व्यवधान पहुंचा है। अब सरकार छात्र-छात्राओं को होने वाले शैक्षणिक नुकसान को बचाने की कवायद में जुट गई है। सिलेबस कम करने को इसी दिशा में उठाया गया बड़ा कदम माना जा रहा है।

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Rahul Joy

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