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लोन धारकों को तोहफा: सरकार कर सकती है ये ऐलान, होंगी समस्याएं अब खत्म

केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम का फायदा उठाने वालों के लिए बीते कई दिनोें पहले सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें कहा कि बैंकों से दो करोड़ रुपये तक के लोन यानी कर्ज पर 'ब्याज पर ब्याज' नहीं वसूला जाएगा।

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Published on: 4 Oct 2020 7:56 AM GMT
लोन धारकों को तोहफा: सरकार कर सकती है ये ऐलान, होंगी समस्याएं अब खत्म
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ईडी की ओर से इससे पहले भी केडी सिंह की संपत्ति को सीज किया गया था। जून, 2019 में केडी सिंह से जुड़ी कंपनी की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की थी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम का फायदा उठाने वालों के लिए बीते कई दिनोें पहले सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में एक हलफनामा दायर किया था। इसमें कहा कि बैंकों से दो करोड़ रुपये तक के लोन यानी कर्ज पर 'ब्याज पर ब्याज' नहीं वसूला जाएगा। ऐसे में केंद्र सरकार खुद ही इसका बोझ उठाएगी। वहीं अब ये खबर आ रही है कि जिन्होंने लोन मोरेटोरियम का लाभ नहीं लिया है और समय पर लोन रिपेमेंट (Loan Repayment) किया है, उन्हें भी केंद्र सरकार की तरफ से भरपाई की जाएगी।

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सभी को सामान लाभ

जीं हां बता दें, कि केंद्र सरकार कैशबैक जैसे विकल्प चुन सकती है। इसके लिए भी लोन की लिमिट 2 करोड़ रुपये होगी और इसमें व्यक्तिगत स्तर पर या MSME को दिए गए लोन को ही शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी को सामान लाभ ही मिलें।

सूत्रों से सामने आई एक रिपोर्ट कहा गया कि अगर इन कर्जदारों ने मोरेटोरियम का विकल्प चुना होता तो उन्हें कुछ लाभ जरूर मिलता। केंद्र सरकार अब यह लाभ उन लोगों तक पहुंचाना चाहती है, जिन्होंने समय पर लोन रिपेमेंट जारी रखा है। जिन लोगों ने समय पर अपने बकाये का भुगतान किया है, उन्हें इसका लाभ नहीं देना अनुचित होगा।

money फोटो-सोशल मीडिया

लेकिन अभी इसपर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। ​हां पर इसका खाका तैयार किया जा रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट ब्याज पर ब्याज माफ करने की बात को मंजूर कर लेता है और ऐसे उधारकर्ताओं के आंकड़े आ जाते हैं तो सरकार की तरफ से इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

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याद दिला दें

बीते दिनों की बात आपको याद दिला दें कि बीते समय में कुछ राज्यों द्वारा कृषि लोन माफ किए जाने के बाद केंद्र और आरबीआई(RBI) ने कहा था कि ऐसा करने से ईमानदार उधारकर्ताओं के साथ ठीक नहीं हो रहा है।

ऐसे में रेटिंग एजेंसी इकरा के उपाध्यक्ष अनिल गुप्ता की तरफ से कहा गया है कि सरकार समय पर लोन रिपेमेंट करने वालों को ब्याज पर ब्याज में'नोशनल अमाउंट' को घटाकर कुछ राहत दे सकती है। आगे उन्होंने कहा है कि अगर मान लिया जाए कि बैंकों व वित्तीय संस्थानों द्वारा दिए गए 30-40 फीसदी लोन भी इसके लिए योग्य होते हैं तो सरकार पर इसका बोझ 5 से 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं होगा।

इसी कड़ी में अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्होंने पूरे 6 महीने के दौरान मोरेटोरियम का विकल्प नहीं चुना। वहीं, कुछ ऐसे उधारकर्ता भी रहे, जिन्होंने कुछ ही समय के लिए​ मोरेटोरियम का लाभ लिया।

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