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प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने की कवायद तेज, केंद्र ने तैयार किया ये ब्लूप्रिंट

कोरोना से जंग में विजय हासिल करने के लिए घोषित लॉकडाउन में घर लौटे करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है...

Ashiki
Published on: 8 Jun 2020 4:19 AM GMT
प्रवासी मजदूरों को रोजगार दिलाने की कवायद तेज, केंद्र ने तैयार किया ये ब्लूप्रिंट
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अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: कोरोना से जंग में विजय हासिल करने के लिए घोषित लॉकडाउन में घर लौटे करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। रोजी-रोटी छिन जाने से परेशान इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सरकार ने ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया है। वैसे तो पूरे देश के विभिन्न जिलों में प्रवासी मजदूरों की वापसी दर्ज की गई है मगर सरकार ने छह राज्यों के उन 116 जिलों की पहचान की है जहां लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई है। इन जिलों में सामाजिक कल्याण और सीधे लाभ से जुड़ी योजनाओं को तेजी से चलाने की सरकार की तैयारी है।

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प्रवासी मजदूरों के सामने बड़ा संकट

कोरोना संकट के इस काल में काफी संख्या में लोगों के रोजगार छिन जाने की खबरें हैं मगर सबसे ज्यादा मार प्रवासी मजदूरों को ही झेलनी पड़ी है। देश के विभिन्न हिस्सों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गृह जिलों में लौट चुके हैं और अब इन मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। रोज कमाने और खाने वाला यह वर्ग इस समय सबसे ज्यादा दिक्कत झेल रहा है। इस कारण केंद्र सरकार की ओर से इन प्रवासी मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

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पुनर्वास व रोजगार का ब्लूप्रिंट तैयार

केंद्र सरकार ने इन प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास और उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए एक ब्लूप्रिंट तैयार किया है। सरकार की योजना है कि देश के छह राज्यों के 116 जिलों में सामाजिक कल्याण और सीधे लाभ वाली योजनाओं को तेजी से मिशन मोड में चलाया जाए। सरकार का मकसद रोजगार छिन जाने के कारण घर लौटे इन प्रवासी मजदूरों को आजीविका, रोजगार, कौशल विकास और गरीब कल्याण से जुड़ी सुविधाओं का लाभ दिलाना है।

केंद्रीय योजनाओं पर तेजी से होगा काम

केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि मनरेगा, स्किल इंडिया, किसान कल्याण योजना, पीएम आवास योजना, जनधन योजना, खाद्य सुरक्षा योजना और अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत इन 116 जिलों में तेजी से काम किया जाएगा। इन सभी जिलों में केंद्रीय योजनाओं को लक्ष्य तय करके लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में आत्मनिर्भर भारत का बड़ा नारा दिया था। राष्ट्र के नाम संबोधन में उन्होंने वोकल फॉर लोकल पर जोर दिया था।

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पीएम के आत्मनिर्भर भारत के अभियान के तहत भी इन जिलों में काम करने की योजना है। केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न मंत्रालयों से भी दो सप्ताह में इन जिलों को ध्यान में रखकर योजनाओं का प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया है। मंत्रालयों की ओर से उन प्रस्तावों को पीएमओ को भेजा जाना है।

सूची में उत्तर प्रदेश के 31 जिले

केंद्र सरकार की ओर से जिन 116 जिलों का चयन किया गया है उनमें सबसे ज्यादा 32 जिले बिहार के हैं। उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में प्रवासी मजदूरों की काफी संख्या में वापसी हुई है। मध्य प्रदेश के 24, राजस्थान के 22, ओडिशा के चार और झारखंड के 3 जिलों में काफी संख्या में प्रवासी मजदूर लौटे हैं। उत्तर प्रदेश के 31 जिलों में वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, सुल्तानपुर, उन्नाव, आजमगढ़, जौनपुर, महाराजगंज, बहराइच, बलरामपुर, प्रतापगढ़, गोंडा, अंबेडकरनगर और गाजीपुर के नाम भी शामिल हैं।

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