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पलायन पर केंद्र सरकार का सख्त रुख, अब डीएम और एसपी सीधे होंगे जिम्मेदार

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद लाखों मजदूरों के बड़े शहरों से अपने-अपने गांवों की ओर पलायन पर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है।

Dharmendra kumar
Published on: 30 March 2020 4:23 AM GMT
पलायन पर केंद्र सरकार का सख्त रुख, अब डीएम और एसपी सीधे होंगे जिम्मेदार
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद लाखों मजदूरों के बड़े शहरों से अपने-अपने गांवों की ओर पलायन पर केंद्र सरकार ने सख्त रवैया अपना लिया है। केंद्र सरकार ने इस पलायन पर गहरी नाराजगी जताते हुए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने का आदेश दिया है।

राज्यों व जिलों की सीमाएं सील

कोरोना वायरस के संक्रमण को कम्युनिटी ट्रांसफर होने से रोकने के लिए ही लॉकडाउन किया गया था और इस बड़े पलायन ने केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए अब केंद्र सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं। राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से राज्यों व जिलों की सीमाएं प्रभावी रूप से सील करने और शहरों और हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं। केंद्र सरकार ने चेतावनी दी है कि आदेश का अनुपालन न होने पर सीधे तौर पर डीएम व एसपी जिम्मेदार होंगे।

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लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन हो

कैबिनेट सचिव राजीव गाबा व केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने इस बाबत राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस प्रमुखों से वीडियो कांफ्रेंसिंग भी की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सख्ती से अनुपालन किया जाना चाहिए। लॉकडाउन के मकसद को पूरा करने के लिए कैबिनेट सचिव व गृह मंत्रालय लगातार राज्यों के संपर्क में रहेंगे।

दूर रहने की होगी व्यवस्था

केंद्र सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि अब डीएम और एसपी सभी जिला और राज्य की सीमाओं को सख्ती से सील कर दें और पलायन करके लौट रहे लोगों को स्थानीय लोगों के संपर्क में कतई ना आने दें। यह भी निर्देश जारी किया गया है कि जो मजदूर अपने घर की ओर चल दिए हैं उनके लिए गांव और कस्बे से दूर खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए ताकि अन्य लोगों को संक्रमित होने से रोका जा सके।

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पलायन करने वालों की होगी स्क्रीनिंग

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह निर्देश भी दिया गया है कि पलायन कर घर लौट रहे लोगों की पूरी स्क्रीनिंग की जाए और उन्हें हेल्थ प्रोटोकॉल के तहत अगले 14 दिनों तक सरकारी क्वारंटान सुविधा केंद्रों में रखा जाए।

सतर्कता बरतने के निर्देश

स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी पलायन करने वाले मजदूरों से संक्रमण फैलने की आशंका को रोकने के लिए कमर कस ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वैसे तो पलायन करने वाले इन मजदूरों में विदेश यात्राओं से लौटे लोगों की तुलना में कोरोना वायरस के कैरियर बनने की आशंका बहुत कम ही है, लेकिन फिर भी सतर्कता जरूरी है। इन सभी लोगों की गहन जांच किया जाना जरूरी है क्योंकि कुछ लोग इनमें से भी संक्रमित हो सकते हैं। इस संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता।

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कानूनों के मुताबिक होगी कार्रवाई

सरकार की ओर से मजदूरों, गरीबों और जरूरतमंदों की दिक्कतों को दूर करने के लिए पहले ही कई निर्देश जारी किए जा चुके हैं। इन निर्देशों में वेतन बिना कटौती के तय तारीख पर देने, कामगारों और छात्रों से एक महीने का किराया न लेने जैसे निर्देश भी शामिल हैं। जबरन मकान खाली कराने वाले मालिकों पर भी कानूनों के मुताबिक कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

केंद्र ने उठाए त्वरित कदम

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव लव अग्रवाल ने मजदूरों के पलायन को अभूतपूर्व स्थिति बताया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र की स्थिति पर पूरी नजर है और कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव त्वरित कदम उठाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने सख्त रुख इसलिए अपनाया है ताकि लॉकडाउन का असली मकसद पूरा हो सके।

Dharmendra kumar

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