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केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की आज हड़ताल, बैंक कर्मी भी होंगे शामिल

गुरुवार को आयोजित इस एक दिन की हड़ताल का असर बैंकों, बीएसएनल, आयकर कार्यालय सहित केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों के कामकाज पर भी पड़ेगा। कुछ प्राइवेट यूनियनों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है।

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Published on: 26 Nov 2020 3:43 AM GMT
केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की आज हड़ताल, बैंक कर्मी भी होंगे शामिल
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केंद्र की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की आज हड़ताल, बैंक कर्मी भी होंगे शामिल

नई दिल्ली: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और बैंक कर्मियों से जुड़ी यूनियनों ने आज हड़ताल का आह्वान किया है। गुरुवार को आयोजित इस एक दिन की हड़ताल का असर बैंकों, बीएसएनल, आयकर कार्यालय सहित केंद्र सरकार के अन्य कार्यालयों के कामकाज पर भी पड़ेगा। कुछ प्राइवेट यूनियनों ने भी इस हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। हड़ताली कर्मचारियों ने अपनी मांगों के समर्थन में कार्यालयों के सामने धरना प्रदर्शन और नारेबाजी करने की रूपरेखा तैयार की है।

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केंद्रीय श्रमिक संघों ने किया आह्वान

भारतीय मजदूर संघ को छोड़कर 10 केंद्रीय श्रमिक संघों ने केंद्र सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ इस हड़ताल का आह्वान किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए), अखिल भारतीय बैंक अधिकारी संख्या (एआईबीओए) और भारतीय बैंक कर्मचारी महासंघ ने भी हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है।

तीन नए श्रम कानूनों का विरोध

एआईबीईए की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि कारोबार सुगमता के नाम पर हाल में केंद्र सरकार की ओर से लोकसभा में तीन नए श्रम कानून पारित कराए गए हैं। संगठन ने इन कानूनों को पूरी तरह कारपोरेट के हित में बताया है। बयान में कहा गया है कि 75 फीसदी कर्मचारियों को श्रम कानूनों के दायरे से बाहर कर दिया गया है और नए कानूनों के तहत उनके पास कोई विधिक संरक्षण भी नहीं है।

निजीकरण से नाराज हैं बैंक कर्मी

एआईबीईए भारतीय स्टेट बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक के कर्मचारियों को छोड़कर लगभग सभी बैंक कर्मियों का प्रतिनिधित्व करती है। सरकारी और निजी क्षेत्र के पुराने बैंकों सहित कुछ विदेशी बैंकों के कर्मचारी भी संगठन से जुड़े हुए हैं। बैंक कर्मचारी बैंकों का निजीकरण करने और क्षेत्र में विभिन्न नौकरियों को आउटसोर्स व संविदा पर करने से नाराज हैं और इसके खिलाफ उन्होंने संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है। बैंक कर्मचारियों की मांग है कि पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती की जाए और ऋण न चुकाने वाले बड़े कारपोरेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

लोगों को करना पड़ेगा दिक्कतों का सामना

आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र समेत कई बैंकों की ओर से बुधवार को शेयर बाजारों को सूचना दी गई है कि बैंक कर्मियों की हड़ताल के चलते उनके कार्यालयों और शाखाओं में कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो सकता है। बैकों में हड़ताल के चलते आम लोगों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि बैंक यूनियनों की ओर से दावा किया गया है कि बैंकों की शाखाओं के साथ ही इस हड़ताल के कारण एटीएम तक का काम प्रभावित हो सकता है। कई राज्यों में प्राइवेट यूनियनों ने भी हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है और इस कारण बैंकों के साथ ही अन्य काम भी प्रभावित होंगे।

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मंडलीय कार्यालय और एटीएम भी होंगे प्रभावित

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ कुमार अरविंद ने कहा कि हड़ताल के कारण बैंक शाखाओं के साथ-साथ क्लीयरिंग हाउस के कामकाज पर भी असर पड़ेगा। बैंक कर्मियों की यूनियन के महामंत्री उत्पल कांत ने कहा कि बैंक कर्मियों ने पहले ही हड़ताल की पूरी रणनीति तैयार कर ली है और इसके चलते बैंकों के मंडलीय कार्यालय और एटीएम तक प्रभावित होंगे। बैंकिंग यूनियनों का कहना है कि केंद्र सरकार बैंक कर्मियों की मांगों के प्रति उदासीन बनी हुई है और यही कारण है कि केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध जताने का फैसला किया गया है।

अंशुमान तिवारी

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