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चंद्रयान के पुख्ता सबूत! 335 मीटर पर टूटा था संपर्क
इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX) की स्क्रीन पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग के समय एक ग्राफ नजर आ रहा था, जिसमें विक्रम लैंडर दिख रहा था। इस ग्राफ में तीन रेखाएं दिखाई गई थीं, जिसमें से बीच वाली लाइन पर ही चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर अपना रास्ता तय कर रहा था। वह लाल रंग की लाइन थी।
नई दिल्ली: कहते हैं तस्वीरें बहुत कुछ कहती हैं। ये कहावत इसरो के महत्वकांशी प्रोजेक्ट चंद्रयान 2 पर भी लागू होती है। चंद्रयान 2 जब धरती से गया, तब तक सब कुछ सही था। चांद तक पहुंचने में उसको किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। मगर चांद की सतह पर महज 2.1 किमी पर इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया। हालांकि, इसरो लगातार विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश में लगा हुआ है।
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वहीं, एक बड़ी खबर ये सामने आई है कि विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क 2.1 किमी की ऊंचाई पर नहीं बल्कि महज 335 मीटर की ऊंचाई पर टूटा था। जी हां, ये बात सही है क्योंकि मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम की चांद पर लैंडिंग की तस्वीर इस बात का खुलासा कर रही है। यह तस्वीर साफ कह रही है कि विक्रम लैंडर से इसरो का संपर्क 335 मीटर की ऊंचाई पर टूटा था।
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दरअसल, इसरो के मिशन ऑपरेशन कॉम्प्लेक्स (MOX) की स्क्रीन पर विक्रम लैंडर की लैंडिंग के समय एक ग्राफ नजर आ रहा था, जिसमें विक्रम लैंडर दिख रहा था। इस ग्राफ में तीन रेखाएं दिखाई गई थीं, जिसमें से बीच वाली लाइन पर ही चंद्रयान-2 के विक्रम अपना रास्ता तय कर रहा था। वह लाल रंग की लाइन थी। यह वही लाइन है, जिसको इसरो वैज्ञानिकों द्वारा लैंडर के लिए पूर्व निर्धारित किया गया था, जबकि अब हरे रंग की लाइन में विक्रम का रियल टाइम पाथ नजर आ रहा है।