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जब चंद्रयान-2 के साथ चांद पर उतरेंगे विक्रम और प्रज्ञान...

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 आज दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लांच हो गया है। बता दें, पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी थी।

Aditya Mishra
Published on: 22 July 2019 12:09 PM GMT
जब चंद्रयान-2 के साथ चांद पर उतरेंगे विक्रम और प्रज्ञान...
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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 आज दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर लांच हो गया है।

बता दें, पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग होनी थी लेकिन क्रायोजेनिक इंजन में लीकेज की वजह से इसे लांच होने से कुछ समय पहले रोक दिया गया।

चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को 'बाहुबली रॉकेट' कहे जाने वाले जीएसएलवी मार्क 3/एम1 रॉकेट से लॉन्च किया गया। लेकिन क्या आपको मालूम है चंद्रयान-2 के साथ विक्रम और प्रज्ञान भी चांद पर जा रहे हैं। आइये जानते है विक्रम और प्रज्ञान के बारे में:-

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यहां जानें चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के बारे में

चंद्रयान-2 ऑर्बिटर चांद की सतह पर मौजूद लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान से मिली जानकारियों को धरती पर वैज्ञानिकों के पास भेजेगा। इसका वजन 2,379 किलोग्राम है। यह 3.2*5.8*2.1 मीटर बड़ा है। पूरे चंद्रयान-2 मिशन में यही ऑर्बिटर अहम भूमिका निभाएगा।

यह चांद की कक्षा पर मौजूद रहेगा। इसकी मिशन लाइफ 1 साल की है। इसी के जरिये चांद की सतह पर उतरने वाले विक्रम लैंडर और धरती पर मौजूद इसरो के वैज्ञानिकों के बीच संपर्क हो पाएगा।

22 जुलाई को चंद्रयान-2

चंद्रयान-2 को इसरो ने आज लॉन्च किया गया है। लेकिन चांद की सतह पर लैंडर विक्रम 7 सितंबर, 2019 को लैंड करेगा। चंद्रयान-2 का कुल वजन 3.8 टन (3,850 किलोग्राम) है। इस चंद्रयान-2 तह त एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भी चांद पर जा रहे हैं। इनका नाम चंद्रयान-2 ऑर्बिटर, विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर है।

ये है ऑर्बिटर की खासियतें

1. चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के पास चांद की कक्षा से चांद पर शोध करने के लिए 8 उपकरण रहेंगे। इनमें चांद का डिजिटल मॉडल तैयार करने के लिए टेरेन मैपिंग कैमरा-2 है।

2. चांद पर पानी की मौजूदगी का पता लगाने और वहां मौजूद मिनरल्सं पर शोध के लिए इसमें इमेजिंग आईआर स्पेीक्ट्रो मीटर है।

3.चांद की सतह पर मौजूद तत्वों की जांच के लिए इसमें चंद्रयान-2 लार्ज एरिया सॉफ्ट एक्स.-रे स्पेदक्ट्रो मीटर

(क्लास) है।

4.क्लास को सोलर एक्स‍-रे स्पेक्ट्रम इनपुट मुहैया कराने के लिए सोलर एक्स‍-रे मॉनीटर मौजूद है।

5. चांद की ऊपरी सतह पर शोध के लिए इसमें चंद्र एटमॉसफेयरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर-2 है।

6. चांद के वातावरण की निचली परत की जांच करने के‍ लिए डुअल फ्रीक्वेंसी रेडियो उपकरण है।

7.ऑर्बिटर हाई रेजॉल्यूशन कैमरा के जरिये यह हाई रेस्टोिपोग्राफी मैपिंग की जाएगी।

8.चांद के ध्रुवों की मैपिंग करने और सतह व सतह के नीचे जमी बर्फ का पता लगाने के लिए इसमें डुअल फ्रीक्वेंसी सिंथेटिक अपर्चर रडार है।

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ऐसा पड़ा विक्रम नाम

चंद्रयान-2 नामकरण भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर हुआ है।

मिशन के तहत चांद की सतह पर लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान उतरेंगे। यह 2.54*2*1.2 मीटर लंबा है। चांद पर उतरने के दौरान यह चांद के 1 दिन लगातार काम करेगा।

चांद का 1 दिन पृथ्वीा के 14 दिनों के बराबर होता है। यह चांद के दो बड़े गड्ढों मैजिनस सी और सिंपेलियस एन के बीच उतरेगा। लैंडर विक्रम का वजन 1,471 किलोग्राम है। इसका इसे 650 वॉट की ऊर्जा से ताकत मिलेगी।

प्रज्ञान रोवर की खासियतें

चंद्रयान-2 के तहत चांद पर उतरने वाले लैंडर विक्रम के साथ ही वहां प्रज्ञान रोवर भी उतरेगा। इसका वजन 27 किलोग्राम है। यह 0.9*0.75*0.85 मीटर बड़ा है।

प्रज्ञान रोवर एक तरह का रोबोटिक यान है। जो चांद की सतह पर चलकर वहां शोध करेगा। यह चांद की सतह पर 500 मीटर तक 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड कर रफ्तार से सफर कर सकता है। यह अपनी ऊर्जा सूर्य से प्राप्तर करेगा। साथ ही यह लैंडर विक्रम से संपर्क में रहेगा।इसमें छह टायर लगे हैं जो चांद की उबड़खाबड़ सतह पर आराम से चलकर विभिन्न शोध कर सकेंगे।

2 विशेष उपकरण हैं प्रज्ञान के पास

रोबोटिक शोध यान (रोवर) प्रज्ञान के पास दो विशेष उपकरण रहेंगे। रोवर प्रज्ञान अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर के जरिये लैंडिंग साइट के पास में चांद की सतह पर मौजूद वातावरणीय तत्वों के निर्माण संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए शोध करेगा।

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