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ब्रिटिश थिंकटैंक ने PM जॉनसन को दी चेतावनी, भारत को इन देशों की लिस्ट में डाला

चैंथम हाउस (Chatham House) ने 'ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर' के रिपोर्ट में भारत के वैश्विक महत्व को स्वीकार किया गया है। चैंथम हाउस (Chatham House) की यह नई रिपोर्ट कहती है, "भारत को वह अटेंशन देनी चाहिए जिसका वो हकदार है।"

Chitra Singh
Published on: 13 Jan 2021 8:16 PM IST
ब्रिटिश थिंकटैंक ने PM जॉनसन को दी चेतावनी, भारत को इन देशों की लिस्ट में डाला
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ब्रिटिश थिंकटैंक ने PM जॉनसन को दी चेतावनी, भारत को इन देशों की लिस्ट में डाला

नई दिल्ली: भारत (India) अपने आप में कितना ताकतवर हैं, इसका अंदाजा आप इस खबर को पढ़कर लगा सकते हैं। बता दें कि बीते कुछ समय से भारत (India) और ब्रिटेन (Britain) अपने संबंधों को मजबूती देने के लिए हर तरफ से प्रयत्नशील हैं। लेकिन इस बढ़ते रिश्ते को लेकर ब्रिटिश थिंक टैंक ने अपने देश के पीएम बोरिस जॉनसन को चेताते हुए कहा कि भारत को दोस्त नहीं, बल्कि एक प्रतिद्वंदी की तरह व्यवहार करें। इस बात का खुलासा चैंथम हाउस (Chatham House) द्वारा बनाए गए रिपोर्ट के जरिए हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, चैंथम हाउस (Chatham House) ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसका नाम 'ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर' है।

चैंथम हाउस की 'ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर' रिपोर्ट

आपको बता दें कि चैंथम हाउस (Chatham House) ने 'ग्लोबल ब्रिटेन, ग्लोबल ब्रोकर' के रिपोर्ट में भारत के वैश्विक महत्व को स्वीकार किया गया है। चैंथम हाउस (Chatham House) की यह नई रिपोर्ट कहती है, "भारत को वह अटेंशन देनी चाहिए जिसका वो हकदार है, लेकिन ब्रिटिश सरकार को यह स्वीकार करने की जरूरत है कि इस रिश्तें से सीधा फायदा, चाहे वह आर्थिक तौर पर हो या कूटनीतिक तौर पर, होना मुश्किल है।"

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भारत 'बेहद जरूरी'

इतना ही नहीं, चैंथम हाउस (Chatham House) की रिपोर्ट ने यह भी माना गया है कि ब्रिटेन के लिए भारत कितना जरूरी है। रिपोर्ट में कहती है, “भारत 'बेहद जरूरी' है। इसके लिए भारत की आबादी, अर्थव्यवस्था और रक्षा बजट को आधार बनाया गया है। लेकिन रिपोर्ट यह भी साफ करती है कि ब्रिटेन को भारत को एक प्रतिद्वंदी के तौर पर देखना होगा न कि एक सहयोगी के तौर पर।”

India-Britain

वैश्विक लक्ष्यों के आधार पर भारत प्रतिद्वंदी

चैंथम हाउस (Chatham House) के इस रिपोर्ट कहा गया है, “वो भले ही व्यावसायिक हितों के आधार पर महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन वैश्विक लक्ष्यों के आधार पर कई मामलों में प्रतिद्वंदी भी साबित हो सकते हैं। रिपोर्ट में ब्रिटेन के भारत में औपनिवेशिक वक्त का भी जिक्र किया गया है।”

भारत को 'डिफिकल्ट 4' सूची में रखा

बता दें कि इस रिपोर्ट में भारत को 'डिफिकल्ट 4' की सूची में रखा है। इस सूची में चीन, सऊदी अरब और तुर्की का नाम पहले से ही मौजूद है। इतना ही नहीं इस रिपोर्ट में भारत की 'जटिल आंतरिक राजनीति', भारत के स्थानीय समूहों द्वारा मानवाधिकार से जुड़े मामलों का भी जिक्र किया गया है।

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रिपोर्ट में 'जटिल आंतरिक राजनीति' का जिक्र

साथ ही रिपोर्ट में भारत के भीतर की 'जटिल आंतरिक राजनीति' का भी जिक्र किया गया है. इसके अलावा यूनाइटेड नेशंस सहित भारत के स्थानीय समूहों द्वारा मानवाधिकार के मसलों की चिंता का भी जिक्र रिपोर्ट में है। साथ ही रिपोर्ट में यह जिक्र किया गया है कि भारत ने चीन-रूस के साथ शंघाई संगठन में भी गठजोड़ किया है।

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