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Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ की इन हॉट सीटों पर सबकी निगाहें, पाटन में चाचा और भतीजे के बीच हो रही दिलचस्प जंग
Chhattisgarh Election 2023: पाटन के अलावा प्रदेश की कई अन्य प्रमुख सीटों पर भी दोनों दलों के बीच कड़े मुकाबले के कारण सियासी तस्वीर उलझी हुई है। ऐसे में प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों का हाल जानना जरूरी है।
Bhupesh Baghel nephew Vijay Baghel (photo: social media )
Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ में मतदान के दूसरे चरण में आज मतदाता राज्य की 70 सीटों पर प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला कर रहे हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हो रहा है। प्रदेश में सबसे दिलचस्प जंग पाटन विधानसभा क्षेत्र में हो रही है जहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चुनौती देने के लिए भाजपा की ओर से उनके भतीजे विजय बघेल को चुनावी अखाड़े में उतारा गया है। पाटन के अलावा प्रदेश की कई अन्य प्रमुख सीटों पर भी दोनों दलों के बीच कड़े मुकाबले के कारण सियासी तस्वीर उलझी हुई है। ऐसे में प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों का हाल जानना जरूरी है।
पाटन
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में पाटन को सबसे हाई प्रोफाइल विधानसभा क्षेत्र माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर किस्मत आजमाने के लिए एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उतरे हैं। पाटन में कांग्रेस को घेरने के लिए भाजपा ने भूपेश बघेल के भतीजे विजय बघेल को चुनावी अखाड़े में उतारा है। पाटन सीट को भूपेश बघेल का गढ़ माना जाता रहा है और वे लंबे समय से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर इस सीट से जीत हासिल करते रहे हैं।
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 1993 से 6 बार इस सीट पर चुनाव लड़ा है और पांच बार जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं। 2008 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अपने भतीजे विजय बघेल के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि उसके बाद 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भूपेश बघेल ने जीत हासिल करते हुए अपनी ताकत दिखाई थी। इस बार फिर भाजपा ने विजय बघेल के जरिए मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश की है और सबकी निगाहें इस सीट पर लगी हुई हैं।
अंबिकापुर
कांग्रेस ने इस विधानसभा सीट से राज्य के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव को चुनाव मैदान में उतारा है। छत्तीसगढ़ में सिंहदेव को भूपेश बघेल के बाद कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा माना जाता रहा है। टीएस सिंहदेव ने पिछले तीन विधानसभा चुनावों के दौरान इस सीट पर जीत हासिल की है और तीनों बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी अनुराग सिंह देव को हराया।
इस बार भाजपा ने प्रत्याशी बदलते हुए राजेश अग्रवाल को चुनावी अखाड़े में उतारा है। हालांकि इस विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ को देखते हुए इस बार भी टीएस सिंहदेव की स्थिति मजबूत मानी जा रही है।
दुर्ग ग्रामीण
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्हें चुनौती देने के लिए भाजपा ने इस सीट पर ललित चंद्राकर को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर कड़ा मुकाबला माना जा रहा है क्योंकि पिछले तीन में से दो चुनावों में भाजपा इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी है जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी।
पिछले विधानसभा चुनाव में ताम्रध्वज साहू ने भाजपा के जागेश्वर साहू को 27,112 वोटों से हराकर जीते दर्ज की थी। इस बार के चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर काफी ताकत लगाई है और ताम्रध्वज साहू कड़े मुकाबले में फंसे हुए हैं।
कोटा
कोटा विधानसभा सीट पर भाजपा ने दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को चुनाव मैदान में उतारा है। जशपुर राजघराने से जुड़े जूदेव के चुनाव मैदान में उतरने के कारण कोटा को भी छत्तीसगढ़ की हॉट सीटों में शुमार किया जा रहा है। कांग्रेस ने इस सीट पर अटल श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर ही जनता कांग्रेस के संस्थापक और छत्तीसगढ़ के दिग्गज नेता अजीत जोगी की पत्नी रेणु जोगी भी चुनाव लड़ रही हैं।
रेणु जोगी ने पिछले तीन विधानसभा चुनावों में इस सीट पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी। 2008 और 2013 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी जबकि 2018 के विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस के टिकट पर उन्हें जीत हासिल हुई थी। रेणु जोगी इस बार भी पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ रही हैं और इस सीट पर त्रिकोणात्मक मुकाबले की संभावना जताई जा रही है।
सक्ती
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष चरण दास महंत कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव लड़ने के लिए उतरे हैं। कांग्रेस ने पहली ही सूची में विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत को सक्ती से फिर से टिकट देने का ऐलान किया था। महंत को चुनौती देने के लिए भाजपा ने खिलावन साहू को चुनाव मैदान में उतारा है।
इस सीट पर पिछले तीन चुनावों को देखा जाए तो दो बार कांग्रेस को जीत हासिल हुई है जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में खिलावन साहू ने जीत हासिल की थी। 2018 के विधानसभा चुनाव में चरण दास महंत को जीत मिली थी और उन्होंने भाजपा की उम्मीदवार मेधा राम साहू को बड़ी शिकस्त दी थी। भाजपा ने इस बार फिर खिलावन साहू को फिर चुनाव मैदान में उतार कर महंत को घेरने की कोशिश की है।