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सीईसी ने जाते-जाते क्यों कहा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना

पांच राज्यों में विधानसभा का एलान करने के मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा एक क्षण के लिए भावुक नजर आए जब उन्होंने कहा कि यह मेरी आखिरी प्रेस कांफ्रेंस है। उन्होंने इस मौके पर एक शेर सुनाकर भी अपनी भावनाओं का इजहार किया।

Ashiki
Published on: 26 Feb 2021 2:58 PM GMT
सीईसी ने जाते-जाते क्यों कहा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना
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सीईसी ने जाते-जाते क्यों कहा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना

अखिलेश तिवारी

नई दिल्ली: पांच राज्यों में विधानसभा का एलान करने के मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा एक क्षण के लिए भावुक नजर आए जब उन्होंने कहा कि यह मेरी आखिरी प्रेस कांफ्रेंस है। उन्होंने इस मौके पर एक शेर सुनाकर भी अपनी भावनाओं का इजहार किया।

शायराना अंदाज में नजर आए मुख्य चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती जो अपना काम करते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया कि उनका कार्यकाल 30 अप्रैल को पूरा हो रहा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान का वह आखिरी दिन होगा। दो मई को मतगणना होगी और राज्यों के चुनाव परिणाम भी आ जाएंगे।

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अपने सेवानिवृत्त होने से पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त इस साल के सबसे अहम चुनाव लगभग संपन्न करा चुके होंगे। दरअसल मुख्य चुनाव आयुक्त अपनी उम्र के 65 वर्ष इस दिन पूरे कर रहे हैं। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त के कार्यकाल को अधिकतम छह साल अथवा 65 वर्ष की आयु सीमा के दायरे में बांधा गया है। दो दिसंबर 2018 को मुख्य चुनाव आयुक्त का पदभार ग्रहण करने वाले सुनील अरोड़ा का छह साल का कार्यकाल पूरा होने में तो काफी वक्त है लेकिन 30 अप्रैल को वह 65 साल पूरे करने जा रहे हैं।

इसलिए उन्हें अपने पद से विदाई लेनी होगी। यही वजह है कि उन्होंने मीडिया से कहा कि यह उनकी आखिरी मीडिया क्रांफे्रंस है। इस मौके पर उन्होंने जो शेर सुनाया है उसके बहाने उन्होंने यह बताने की कोशिश की है कि उन्होंने कर्मयोगी की तरह अपना कार्यकाल पूरा किया है। जिस तरह परवाना किसी महफिल में अपना कोई जिक्र नहीं करता, चुपचाप शमा की दीवानगी में डूबा रहता है। उसी तरह से उन्होंने भी अपना जीवन बिताया है । ऐसे लोगों को बातें करना नहीं आता बल्कि काम करते रहते हैं।

सुनील अरोड़ा से जुड़ी अहम बातें

सुनील अरोड़ा भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1980 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त के तौर पर 31 अगस्त 2017 को ज्वाइन किया था। उनका जन्म 13 अप्रैल 1956 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ है। होशियारपुर के विद्या मंदिर स्कूल और दयानंद मॉडल स्कूल में शुरुआती शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने डीएवी कॉलेज होशियारपुर से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की।

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पंजाब यूनिवॢसटी से अंग्रेजी में परास्नातक उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने बतौर शिक्षक अपना कैरियर शुरू किया था। आईएएस के तौर पर काम करते हुए उन्होंने राजस्थान के कई जिलों में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। वह राजस्थान सरकार के मुख्य मंत्री के सचिव व प्रमुख सचिव भी रह चुके हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैंं। उनके पिता इंडियन रेलवे में सेवारत रहे जबकि मां शिक्षिका थीं।

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